Shaheed Diwas 2023: हम हर साल 30 जनवरी और 23 मार्च का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं. देश के स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के लिए हर साल शहीद दिवस (Martyrs' Day) मनाया जाता है. इस दिवस भारत की शान, गौरव, कल्याण और आजादी के लिए लड़ने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है. यह दोनों दिन देश के लिए बहुत खास है. 30 जनवरी महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. जबकि 23 मार्च को भारत के सपूतों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने हंसते हंसते फांसी की सजा को गले लगा लिया था.
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता माना जाता है. उन्होंने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष का नेतृत्व किया और ब्रिटिश राज के खिलाफ उनके अहिंसक दृष्टिकोण के लिए सभी का सम्मान किया जाता है. गांधी के विचारों का विरोध किया और उन्हें भारत के विभाजन के लिए दोषी ठहराया गया. 30 जनवरी 1948 को भारत को आजादी मिलने के ठीक पांच महीने बाद नई दिल्ली में बिड़ला हाउस परिसर में नाथूराम गोडसे ने गांधी के सीने और पेट में तीन गोलियां मारी थी.
गांधी अहिंसा के प्रतीक थे. दुनिया के कई नेता उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं. मार्टिन लूथर किंग जूनियर, अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता, नेल्सन मंडेला, दक्षिण अफ्रीकी लोगों के महान नेता, दलाई लामा और अल्बर्ट आइंस्टीन, गांधी के प्रति बहुत श्रद्धा रखते हैं. गांधी का दर्शन तीन सिद्धांतों पर आधारित है- अहिंसा, सत्य के लिए संघर्ष (सत्याग्रह) और राजनीतिक स्वतंत्रता (स्वराज).
भारत के सपूतों को तय तारीख से एक दिन पहले दी गई फांसी
इसी तरह भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान निभाने वाले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 में अंग्रेजों ने फांसी की सजा दे दी थी. शहीद भगत को लार्ज नंबर में यूथ फॉलो करता था और इंस्पिरेशन मानता था. हालांकि इन तीनों ने महात्मा गांधी से अलग रास्ते पर चलकर भारत की आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई शुरू की थी. भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने बहुत कम उम्र में ही देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था. इसलिए हम 23 मार्च को भी हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं, इन्हें श्रद्धांजलि देते है. तीनों को अंग्रेजों ने फांसी की सजा देने के लिए 24 मार्च 1931 की तारीख तय की थी, लेकिन बाद में फांसी वाले दिन दंगा न हो जाए इसलिए तय तारीख से एक दिन पहले ही इन्हें फांसी दे दी.
हर साल 30 जनवरी को प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. सरकार के निर्देशानुसार शहीद स्वतंत्रता सेनानियों की याद में इस दिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दो मिनट का मौन रखा जाता है. पूरे भारत में लोग साल में सात शहीद दिवस मनाते हैं. यह दिन देश के शहीदों के सम्मान में मनाया जाता है. यह सात दिन 30 जनवरी, 23 मार्च, 19 मई, 21 अक्टूबर, 17 नवंबर, 19 नवंबर और 24 नवंबर है.
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