Shaheed Hemu Kalani Birth Centenary: महान स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी और अमर शहीद हेमू कालानी (Shaheed Hemu Kalani) का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है. रविवार (26 मार्च) को मुंबई (Mumbai) के चेंबूर स्थित फाइन आर्ट्स कल्चरल सेंटर में शहीद हेमू कालानी जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. यह आयोजन विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी और भारतीय सिंधु सभा की ओर से किया गया.
कार्यक्रम का संचालन राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की मौजूदगी में किया गया. इस अवसर पर डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, ''आजादी के अमृत महोत्सव में, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा. यह अमर शहीद कालानी से मिली प्रेरणा है. छोटी उम्र से ही कालानी आजादी के आंदोलन में शामिल हो गए थे. वह तिरंगा लेकर अंग्रेजों के पास चले गए थे. उनकी हम बेहद इज्जत करते हैं.'' डिप्टी सीएम फडणवीस ने अपने एक ट्वीट में कहा कि महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद हेमू कालानी को 'सिंध का भगत सिंह' भी कहा जाता था.
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का ट्वीट
नाटक के जरिये बताई गई शहीद की जीवन कथा
समारोह में एक नाटक के माध्यम से शहीद हेमू कालानी की जीवन कथा बताई गई. 'सिंधु सखा संगम' और हेमू कालानी के परिवार ने मिलकर इस नाटक का आयोजन किया. नाटक में हेमू कालानी का किरदार निभाने वाले गुलशन मखीजा ने कहा, ''हमें बेहद गर्व है कि आज हम उनके जीवन पर आधारित नाटक को प्रस्तुत कर रहे हैं. मेरा एक ही संदेश सभी भाई-बहनों को रहेगा कि हेमू कालानी जैसे देशभक्त ने हमें आजादी दिलाई, इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम हमारी मातृभाषा को ना भूलें, 'सिंधी', इस भाषा को कई युवक भूलते जा रहे हैं. आज उपमुख्यमंत्री हम सबके बीच में थे. उन्होंने हेमू कालानी जी का सम्मान किया, यह सबके लिए गर्व की बात है.''
भारत सरकार की ओर से शहीद हेमू कालानी पर जारी किया गया डाक टिकट (Image Source: India Post, Government of India)
'नाटकों के जरिये समाज को एक साथ लाने की कोशिश'
सखा संगम की ओर से आयोजित नाटकों के प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वालीं जयश्री ने कहा, ''हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो समाज से दूर होते जा रहे हैं, इसीलिए हम विविध नाटकों के जरिये समाज को एक साथ लाने की कोशिश करते हैं और ऐसे आयोजन करते हैं. शहीद कालानी पर आधारित नाटक की डायरेक्टर जूली तेजवानी थीं.
19 वर्ष की उम्र शहीद हुए थे हेमू कालानी
बता दें कि भारत में ब्रिटिश राज के दौरान, हेमू कालानी का जन्म 23 मार्च 1923 को बॉम्बे प्रेसीडेंसी के सिंध डिवीजन के सुक्कुर में एक सिंधी जैन परिवार में हुआ था. सुक्कुर अब पाकिस्तान में पड़ता है. वह देश के लिए शहीद होने वाले सबसे कम उम्र के क्रांतिकारियों में से एक थे. 20वें जन्मदिन से दो महीने पहले केवल 19 वर्ष की उम्र में उन्हें अंग्रेजी हुकूमत के आदेश पर फांसी दी गई थी.
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