नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में 30 जनवरी को एक शिशु की मौत के मद्देनजर प्रदर्शनों और धरनों में बच्चों और शिशुओं को लाने से रोकने को लेकर स्वत: संज्ञान लिया. कोर्ट की की वेबसाइट पर बताया गया है कि इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता में 10 फरवरी को सुनवाई होगी. हाल ही में 12 साल के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर बच्चों के प्रदर्शनों में हिस्सा लेने को 'क्रूरता के समान' बताते हुए इस पर रोक लगाने का निर्देश देने की अपील की थी.


बता दें कि 30 जनवरी की शाहीन बाग से लौटने के बाद चार महीने के शिशु की सोते समय मौत हो गई थी. उसके परिजन उसे सीएए विरोधी प्रदर्शन में अपने साथ ले गए थे. जाहिर है कि दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता कानून को लेकर पिछले 55 दिनों से धरना प्रदर्शन चालू है. प्रदर्शन में महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी मौजूद रहते हैं.


सोमवार को शाहीन बाग प्रदर्शन पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई


उधर आज सुप्रीम कोर्ट में शाहीन बाग चल रहे प्रदर्शन को लेकर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक के लिए टाल दी. कोर्ट ने कहा कि वह शाहीन बाग में प्रदर्शनों के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई 10 फरवरी को करेगा क्योंकि वह मामले की शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित नहीं करना चाहता. न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा, ‘‘ हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए. हम सोमवार को इस पर सुनवाई करेंगे. तब हम बेहतर स्थिति में होंगे.’’


जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आठ फरवरी को मतदान होना है तो पीठ ने कहा, ‘‘हम इसलिए ही तो कह रह रहे हैं कि सोमवार को आइए. हम उसे प्रभावित क्यों करें?’’


पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए. पीठ ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि यह उचित होगा अगर हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करें. हाई कोर्ट उपयुक्त मंच है और हम इस संबंध में निर्देश जारी कर सकते हैं.’’


सुप्रीम कोर्ट वकील अमित साहनी की अपील पर सुनवाई कर रहा है. साहनी ने कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश देने के वास्ते हाई कोर्ट का रुख किया था. सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर से इस रोड को बंद किया हुआ है. हाई कोर्ट ने स्थानीय अधिकारियों से कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इससे निपटने के लिए कहा था. इसके अलावा दिल्ली के पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग ने अपने वकील शशांक देव सुधी के जरिए उच्चतम न्यायालय में अलग से एक याचिका दायर कर अधिकारियों को शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है. संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के कारण पिछले साल 15 दिसंबर से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड बंद है.