शाहीन बाग में जिस सड़क पर जमे हैं प्रदर्शनकारी, उसपर रोज़ाना कितनी गाड़ियां गुजरती थीं?
शाहीन बाग के कारण दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाला रास्ता जो कालिंदी कुंज से होकर गुजरता है वो पिछले दो महीने से बंद है. ये रोड नंबर 13A है, जिसपर करीब 200 दुकानें हैं और सभी दुकाने बंद हैं. उस सड़क के कारण दूसरी सड़कें पूरे दिन जाम रहती हैं.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीनबाग में पिछले 65 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारी इस कानून को वापस लेने या इसमें मुसलमानों को शामिल करने की मांग पर अड़े हुए हैं. इस प्रदर्शन की वजह से तीन राज्य दिल्ली, हरियाणा और यूपी सीधे सीधे प्रभावित हो रहे हैं. जानिए प्रदर्शनकारी जिस सड़क पर जमे हैं, उसपर रोज़ाना कितनी गाड़ियां गुजरती थीं और कैसे ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है.
कालिंदी कुंज रोड पर करीब 200 दुकानें बंद
शाहीन बाग के कारण दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाला रास्ता जो कालिंदी कुंज से होकर गुजरता है वो पिछले दो महीने से बंद है. ये रोड नंबर 13A है, जिसपर करीब 200 दुकानें हैं और सभी दुकाने बंद हैं. उस सड़क के कारण दूसरी सड़कें पूरे दिन जाम रहती हैं. दावा है कि ट्रैफिक जाम होने से एक घंटे का सफर ढाई घंटे में पूरा हो रहा है.
13A पर हर रोज गुजरते थे 82 हजार 500 वाहन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोड नंबर 13A यानी कालिंदी कुंज रोड पर प्रदर्शन ने पहले रोजाना 82 हजार 500 वाहन गुजरते थे. इनमें दस हजार वाहन माल ढुलाई वाले हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि इतनी बड़ी मात्रा में ये वाहन जब वैकल्पिक सड़कों से गुजरते होंगे तो उन सड़कों पर कितना ट्रैफिक होता होगा.
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कहां तक जाने में कितना वक्त लगता है?
प्रदर्शन से पहले सरिता विहार से आश्रम जाने तक करीब 20 मिनट लगते थे, लेकिन अब 40 मिनट लगते हैं. इसी तरह जीके से बारापुल्लाह जाने तक पहले आधा घंटा लगता था, लेकिन अब करीब 45 मिनट लगते हैं. वहीं नोएडा से एम्स जाने तक पहले 43 मिनट लगते थे, अब करीब एक घंटा 30 मिनट लगते हैं.
ट्रैफिक की इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. याचिका में मांग की गई थी कि शाहीनबाग ने प्रदर्शनकारियों ने जिस सड़क को ब्लॉक किया है उसे जल्द से जल्द खोला जाए. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने और उन्हें समझाने के लिए तीन सदस्यों को नियुक्त किया है.
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