नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले करीब एक महीने से शाहीन बाग में महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. इस वजह से कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग का हिस्सा बंद है. इस मार्ग पर सुचारू तरीके से यातायात बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 14 जनवरी को इस मार्ग पर हो रही यातायात संबंधी बाधाओं को लेकर तत्काल फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि वह सीधे तौर पर प्रदर्शन से निपटने, प्रदर्शन स्थल या यातायात को लेकर कोई निर्देश नहीं देगी क्योंकि इससे निपटना वास्तविक स्थिति और पुलिस के विवेक पर निर्भर करता है.


वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करके शाहीन बाग में स्थिति के निरीक्षण का आग्रह किया है. साहनी ने अपनी याचिका में कहा है कि शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन ने कई अन्य जगहों पर भी इसी तरह के प्रदर्शनों को शुरू करने की प्रेरणा दी है और इसे जारी रहने देना खराब चलन पैदा करना होगा.


याचिका में कहा गया है कि कालिंदी कुंज मार्ग काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली को हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के नोएडा से जोड़ता है. इस मार्ग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में कहा गया है, ''यह मामला काफी संवेदनशील है क्योंकि इस क्षेत्र में प्रदर्शन की वजह से मजबूरी में या बंद करने के अलावा कोई चारा न देखकर कारोबारियों ने दुकानें बंद कर दी हैं जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.''


इस बीच दिल्ली पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों से सड़क को खाली करने और सामान्य यातायात बहाल करने की अपील की है. दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर लिखा. ''हम पहले भी आपसे एक बार अपील कर चुके हैं. इस बीच, रोड नंबर 13 ए की नाकाबंदी के कारण असुविधा के बारे में अधिक शिकायतें प्राप्त हुई हैं, विशेषकर उन स्कूली बच्चों के लिए जो अपने स्कूलों, कोचिंग सेंटरों और ट्यूशन तक पहुंचने में अत्यधिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं.''






दिल्ली पुलिस ने आगे लिखा, ''उनके (स्कूली बच्चों) माता-पिता ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर गहरी चिंता व्यक्त की है. यात्रियों, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हम एक बार फिर शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से सड़क को खाली करने और सामान्य यातायात बहाल करने की अपील करते हैं.''


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