नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 58 दिनों से लगातार सीएए और एनआरसी को लेकर बीच सड़क पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इस प्रदर्शन से लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कोई आदेश तो नहीं दिया लेकिन सख्त टिप्पणी जरूर की.


सुप्रीम कोर्ट ने की थी टिप्पणी


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "विरोध प्रदर्शन के चलते आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए और सार्वजनिक सड़क को बंद करना उचित नहीं है." जिसके बाद एबीपी न्यूज़ की टीम ने जब शाहीन बाग के लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था, "उन्हें सड़क पर बैठना अच्छा नहीं लगता, लेकिन सीएए और एनआरसी के विरोध में वो सड़क खाली नहीं करेंगे."


शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का कहना है, "अगर सड़क बंद होने से लाखों लोग परेशान हैं तो सीएए और एनआरसी से भी लाखों लोग दुखी हैं. अगर ये कानून हमारा विरोधी नहीं हैं तो सरकार यहां आए और हमें बताए, लेकिन हम सड़क से नहीं उठेंगे.


पिछले 58 दिन से चल रहा प्रदर्शन


सीएए और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में करीब दो महीने से चल रहे प्रदर्शन के बीच हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद दिल्ली पुलिस की अमन कमेटी के लोगों से कई राउंड बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. यह प्रदर्शन कानून व्यवस्था के लिए भी एक चुनौती बना हुआ है. दिल्ली पुलिस परेशान है क्योंकि हाल ही में एक युवक ने यहां पहुंचकर हवाई फायरिंग की थी जिसके चलते तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी.


वहीं पुलिस को डर है की भीड़ का फायदा उठाकर कही कोई असामाजिक तत्व किसी बड़ी वारदात को अंजाम न दे दे. इसलिए पुलिस प्रदर्शनकारियों से कई बार अपील कर चुकी है कि वह सड़क से हटकर जंतर-मंतर या रामलीला ग्राउंड में प्रदर्शन करें, लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं है. फिलहाल पुलिस ने यहां सिक्योरिटी बेहद टाइट की हुई है और किसी भी शख्स को बिना चेकिंग के प्रदर्शन स्थल की तरफ जाने नहीं दिया जाता.


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