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शाहीन बाग: चौथे दिन भी नहीं बनी बात, प्रदर्शनकारियों ने रखी ये मांगें
शाहीन बाग में चौथे दिन भी वर्ताकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत नहीं बनी. वहां की महिलाओं ने कुछ शर्तें रखीं है.
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नई दिल्ली: शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों के बीच चौथे दिन भी बात नहीं बनी है. तीन दिन की कोशिशों के बाद भी जब सहमति नहीं बन पाई तो आज यानी शनिवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े शाहीन बाग पहंचे.
इस दौरान साधना रामचंद्रन ने कहा,'' हम यहां शाहीन बाग के धरना प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए नहीं आए हैं, हम सिर्फ यहां रास्ता खुलवाने के लिए आए हैं. हम एक लोकतंत्र हैं. हमारी अलग अलग राय है. सबका हक़ है अपनी बात रखने का'' उन्होंने आगे कहा,'' शाहीन बाग़ में एक ऐसी जगह बने जहां प्रोटेस्ट ग्राउंड बने और सब वहीं प्रोटेस्ट करें. ''
साधना रामचंद्रन ने कहा,'' आपको सरकार से बात करनी है तो करें. ये आपका अधिकार है. हम सरकार की तरफ से नहीं आए हैं.'' इस पर महिलाओं ने कहा,'' जब तक लिखित में सिक्योरिटी नही मिलती तब तक जगह नही खाली करेंगे''
जहां एक ओर वार्ताकार लोगों को समझाने में लगे थे तो वहीं शाहीनबाग के लोगों ने प्रदर्शन खत्म करने के लिए अपनी मांगों की लिस्ट रख दी. शाहीनबाग की महिलाओं ने 7 मांगे रखी है. उन्होंने कहा है कि यह कानून हर हाल में वापस होना चाहिए.
प्रदर्शनकारियों की मांग
-प्रदर्शनकारी सुरक्षा चाहते हैं और वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर एक आदेश जारी करे.
-शाहीन बाग और जामिया के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाएं.
-NPR दिल्ली में लागू न हो.
-शाहीन बाग में एक दादी ने कहा कि जब CAA वापस लेंगे तो रोड खाली होगा नहीं तो नहीं होगा.
-एक दूसरी महिला ने कहा कि अगर आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और अलुमिनियम शीट चाहिए.
-प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की पुलिस नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदारी ले.
-जिन लोगों ने शाहीन बाग के खिलाफ गलत बोला है उनके खिलाफ कार्यवाही हो.
बता दें कि शाहीन बाग़ में प्रदर्शन को आज 70 दिन पुरे हो गएं हैं. इस दौरान कालिंदी कुंज रोड 13 ए पिछले कई दिनों से बंद है. जिसकी वजह से ट्रैफिक की समस्या से हर रोज़ लाखों लोगों को गुज़ारना पड़ता है. इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में दी गई याचना पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्तता करने का ज़िम्मा संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को दिया जो पिछले चार दिनों से जारी है.
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