शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों की अमित शाह से मुलाकात पर सस्पेंस, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा- कोई बैठक निर्धारित नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों कहा था कि हम सभी से मुलाकात करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि जिसे कन्फ्यूजन है वो मुझसे मिले.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. यहां कुछ प्रदर्शनकारी इस मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करना चाह रहे हैं.
शाहीन बाग़ में लोगों का कहना है कल वो पैदल मार्च निकाल कर गृह मंत्री अमित शाह के घर जाएंगे. कल रात 3 बजे ये फैसला लिया गया. मार्च जसोला मथुरा रोड होते हुए गृह मंत्रालय तक जाएगा. इसको लेकर पुलिस परमिशन नहीं ली गई है लोगों का कहना ये सरकार की ज़िम्मेदारी है जब उन्होंने बुलाया है तो वो सुरक्षा के इंतज़ाम करें.
गृह मंत्रालय ने कहा- समय नहीं मांगा
मुलाकात को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि अभी तक किसी प्रदर्शनकारी ने अमित शाह से मीटिंग को लेकर कोई संपर्क नहीं किया है. गृह मंत्रालय का कहना है कि मुलाकात के लिए प्रदर्शनकारियों की तरफ से कोई समय नहीं मांगा गया है.
Ministry of Home Affairs (MHA) sources on protestors at Shaheen Bagh claiming to meet Union Home Minister Amit Shah tomorrow at 2 pm to discuss issues related to #CitizenshipAmendmentAct: No such meeting is scheduled with the Union Home Minister Amit Shah for tomorrow. https://t.co/9sNTUoHvqj pic.twitter.com/F6Tcmr4imD
— ANI (@ANI) February 15, 2020
वहीं दिल्ली पुलिस का कहना है कि अभी शाहीन बाग में बैठे लोगों की तरफ से हमारे पास कोई मैसेज नहीं आया है कि हम कल गृह मंत्री से मिलने के लिए जाएंगे. हमारे पास खबर सिर्फ मीडिया के माध्यम से आई है. हम इनसे बात करने की कोशिश कर रहे है लेकिन अभी तक शाहीन बाग पीपल कमिटी का कोई स्पष्ठ कार्यक्रम नहीं है. और न ही गृह मंत्रालय की तरफ से हमारे पास कोई जानकारी आयी है.
शाहीन बाग में बीच सड़क पर चल रहे प्रदर्शन के दौरान शनिवार सुबह करीब 11 बजे आसिफ तूफानी नामक एक प्रदर्शनकारी ने एलान किया कि "हम अमित शाह से मुलाकात करने को तैयार हैं और हम दादियों को लेकर अमित शाह के यहां मुलाकात करने जाएंगे." बता दें कि शाहीन बाग प्रदर्शन का मुद्दा विधानसभा चुनाव में छाया रहा. बीजेपी ने इसे जोर-शोर से उठाया वहीं आम आदमी पार्टी इससे बचती नजर आई.
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