नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से प्रदर्शन जारी है. कालिंदी कुंज सड़क नोएडा और दिल्ली को जोड़ती है और इसी बीच में शाहीन बाग में सड़क पर प्रदर्शन हो रहे हैं. जिसकी वजह से लोगों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. इसी सड़क को खुलवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और जिसपर आज सुनवाई हुई.


आज SC ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन को रास्ता रोक बैठे लोगों से बात करने कहा. कोर्ट ने कहा कि लोगों को वैकल्पिक जगह पर विरोध के लिए समझाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह अगर चाहें तो साथ जा सकते हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात रख दी है और शाहीन बाग में प्रदर्शन काफी समय से चल रहा है. अदालत ने कहा कि यदि कोई उपाय न निकला तो हम स्थिति से निपटने का जिम्मा अधिकारियों पर छोड़ देंगे. न्यायालय ने कहा कि लोकतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति से चलता है लेकिन इसके लिए भी सीमाएं हैं.


न्यायालय ने कहा कि उसे चिंता इस बात की है कि यदि लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने लगेंगे तो क्या होगा, संतुलन का एक कारक होना जरूरी है. लोगों को प्रदर्शन करने का बुनियादी अधिकार है लेकिन जो बात हमें परेशान कर रही है, वह है सार्वजनिक सड़कों को अवरूद्ध करना है. अब शाहीन बाग का मामला अगले हफ्ते फिर सुना जाएगा.