नई दिल्ली: दिल्ली के शाहीन बाग में 69 दिन से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लोग धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन आज लगातार तीसरे दिन शाहीन बाग पहुंचे. इस दौरान संजय हेगड़े ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा प्रदर्शन करना नागरिकों का अधिकार है. आज हम यहां सारी बात करें ताकि फैसला हो क्योंकि फैसला आपके हाथ में है, लेकिन आपके अधिकार के लिए दूसरे के अधिकार का नुकसान नहीं हो सकता है."


शाहीन बाग में सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने पुलिस से सवाल किया कि बाकी रास्ते क्यों बंद किए हैं. इस पर दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया सुरक्षा कारणों से बंद किए गए हैं. वहीं एक एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा की सुप्रीम कोर्ट सीएए वापस ले. इस पर वकील साधना ने कहा की कानून सुप्रीम कोर्ट नहीं बनाता है, सुप्रीम कोर्ट सिर्फ कानून संवैधानिक है या नहीं ये देखता है, ये कोर्ट में है.


एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि गृह मंत्री और बीजेपी के नेता कहते हैं कि अभी एनपीआर और एनआरसी नहीं ला रहे है, इसकी जगह वो कहें कि कभी नहीं ला रहे हैं. इसके बाद वकील संजय हेगड़े ने कहा, "बहन की जिम्मेदारी लेना भाई का फर्ज है. सुरक्षा का जिम्मा पुलिस मंत्री सबका है. ये सिर्फ रास्ता नहीं है ये छोटा रास्ता है, दिल का रास्ता खोलो. जब ये रास्ता खुलेगा आप देखिए कितने दिल के रास्ते खुलेंगे ये आश्वासन मैं देता हूं."


वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा, "एक तरफ की सड़क खोल दीजिए दिल दिमाग सब खुल जाएगा. सुरक्षा की जिममेदारी पुलिस की है. हम आपकी सुप्रीम कोर्ट तक आपकी बात पहुंचा देंगे, लेकिन आप क्या फैसला लेते हैं वो भी कोर्ट देखेगा."


वहीं दूसरी वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा, "कल हमने पुलिस से बात की नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले रास्ते को क्यों बंद किया. सुबह रास्ता खुला लेकिन कुछ देर बाद बंद कर दिया. ये बात हम तुरंत सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे. यहां जो बहनें हैं उन्होंने कहा की सबसे बड़ा डर हमें सुरक्षा  का है."


एक प्रदर्शनकारी ने कहा "आप ने कहा की हम बहुत अच्छे इंसान है तो सरकार हमसे बात करने क्यों नहीं आती, उसने सोच लिया ये तो कूड़ा सड़क पर बैठे हैं." इस पर साधना रामचंद्रन ने कहा, "आप लोगों से गुज़ारिश है की आप अपना दिल दिमाग इस्तेमाल करें. मुझे मालूम है आप समझती है यहां क्या और क्यों हो रहा है. अपना दिल दिमाग इस्तेमाल कीजिए. अपने और अपने बच्चों के लिए सोचें."


साधना रामचंद्रन ने कहा, "हम कभी नहीं मान सकते है की शाहीन बाग़ के लोगो ने ये रास्ता बंद किया है. सब बहनें सुन लें कि वो अपना फैसला खुद करे, किसी को आपका फैसला नहीं लेने दें. हम सरकार की तरफ से नहीं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आए हैं. मुझे बहनों से उम्मीद है की वो अपना फैसला अपने आप लेंगी."


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