धरना गुलजार, शाहीन बाग का बाजार बेकार, अब तक हो चुका है 150 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों के बीच चौथे दिन भी बात नहीं बनी है. शाहीन बाग में बंद पड़ी दुकानों से सरकार को भी नुकसान हो रहा है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त की गई वार्ताकार साधना रामचंद्रन शनिवार को भी शाहीन बाग पहुंची. ये चौथे दौर की बातचीत थी. हालांकि शनिवार को साधना रामचंद्रन के आने का कोई प्लान नहीं था लेकिन वो अचानक से शाहीन बाग पहुंच गई. इस बीच मीडिया को मंच से दूर रखा गया. साधना रामचंद्रन ने मंच से कहा कि वो सिर्फ महिलाओं से बात करने आई हैं. आप एक एक कर के अपनी मांग रखे. इस बीच कई महिलाओं ने अपनी अपनी मांग रखी. कुल मिलाकर 7 मांगे रखी और साधना रामचंद्रन चली गईं. लेकिन कुछ ही दूरी पर शाहीन बाग की मार्केट के लोग साधना रामचंद्रन का इंतज़ार कर रहे थे. वो भी अपनी बात रखना चाहते थे.
मार्कंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ नासिर कुछ और दुकानदारों के साथ साधना रामचंद्रन से मिले और उन्हें अपना दर्द बताया. डॉ नासिर ने साधना रामचंद्रन से कहा कि शाहीन बाग में करीब 200 से ज्यादा दुकानें हैं. हर दुकान पर करीब 4 से 5 लोग काम करते हैं. दो महीने से ज्यादा का समय हो गया है पूरी मार्केट बंद है. 150 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. हम शाहीन बाग में चल रहे प्रोटेस्ट के खिलाफ नहीं है लेकिन हमारा भी ध्यान रखा जाए". इस पर साधना रामचंद्रन ने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी ये बात सुप्रीम कोर्ट में रखी जाएंगी.
मार्केट के एक दुकानदार रिफाकत से हमने बात की उनका कहना था कि "शाहीन बाग में बंद पड़ी दुकानों से सरकार को भी नुकसान हो रहा है क्योंकि हम GST देते हैं और दुकान बंद होने की वजह से GST नहीं दे पा रहे है".
एक रेस्टोरेंट चलाने वाले एक रेस्टोरेंट के मालिक ने हमें बताया कि "हमें काफी नुकसान हो रहा है मेरे रेस्टोरेंट पर 7 से 8 वर्कर काम करते हैं मैं डेढ़ महीने से उनकी सैलरी दे रहा हूं लेकिन काम बहुत कम है. जो ऑनलाइन आर्डर भी हमें जमेटो और स्विगी से मिलते हैं रोड बंद होने के कारण वो सब कैंसिल हो जाते हैं".
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