Shri Krishna Janmabhoomi Cases: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई में उसे कुछ गलत नहीं लगता. हाई कोर्ट का यह आदेश सभी पक्षों के लिए अच्छा है.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह टिप्पणी मस्ज़िद पक्ष की याचिका पर सुनवाई के दौरान की. मस्जिद पक्ष ने मथुरा ज़िला कोर्ट से सभी मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने और उनकी एक साथ सुनवाई का विरोध किया है.
चीफ जस्टिस ने एक साथ सुनवाई को सही कहा
चीफ जस्टिस ने जब एक साथ सुनवाई को सही बताया तो शाही ईदगाह कमिटी के लिए पेश वकील ने कहा कि मुकदमों में अलग-अलग दलीलें दी गई हैं. उनमें रखी गई मांगें भी अलग हैं. एक साथ सुनवाई से जटिलता बढ़ेगी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इससे जटिलता नहीं सरलता आएगी. अगर अलग-अलग सुनवाई हुई तो अधिक समस्या होगी. एक साथ सुनवाई दोनों पक्षों के हित में है.
सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह के लिए टली
मस्ज़िद पक्ष के वकील ने कुछ और दलीलें रखने की बात कही. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि हर बात पर बहस की क्या ज़रूरत है? मुकदमों को एक साथ जोड़ने से कोई नुकसान नहीं दिख रहा. हाई कोर्ट में लिखित दलीलें भी दाखिल हो चुकी हैं." आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के मामले की सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह के लिए टाल दी.
इन मामलों पर एक साथ हो सकती है सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट अप्रैल के पहले सप्ताह में मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में सुनवाई करेगा. इस मामले में शाही ईदगाह कमेटी की तरफ से तीन याचिकाएं दी गई हैं. कोर्ट उन्ही इन्ही याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल इन याचिकाओं में इलाहाबाद HC के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमे को सुनवाई लायक माना गया था.
मुस्लिम पक्ष की दूसरी याचिका में उस फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसमे मथुरा की निचली अदालत में चल रहे सभी मुकदमों को हाई कोर्ट द्वारा अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने का फैसला दिया था. इसके अलावा SC में हाईकोर्ट के उस फैसले को भी चुनौती दी गई है, जिसमें इस विवाद से जुड़े सभी 15 मुकदमों को एक साथ जोड़ कर सुनवाई के फैसला लिया था.