नई दिल्लीः बीजेपी नेता चिन्मयानंद पर एक छात्रा के यौन शोषण के आरोप की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी के गठन का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने आगे इस मामले में सुनवाई न करने की भी बात कही है. कोर्ट ने कहा, "हमने आरोप लगाने वाली छात्रा की सुरक्षा के सवाल पर मामले का संज्ञान लिया था. मामले के तथ्यों पर हम कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. यूपी सरकार आईजी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल बनाए. इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मामले की निगरानी के लिए विशेष बेंच का गठन करें. एसआईटी उस बेंच को रिपोर्ट करे."


कोर्ट को बताया गया कि शाहजहांपुर की इस छात्रा के लापता होने के बाद उसके कॉलेज प्रशासन ने भी इस मामले में एक रिपोर्ट दर्ज कराई है. मामले में फिरौती मांगे जाने की भी शिकायत आई है. इस पर कोर्ट ने कहा, "एसआईटी मामले के हर पहलू को देखे. कॉलेज के लोगों और मामले से जुड़े तमाम लोगों से बात करे. हम किसी भी आरोप या तथ्य पर कोई विचार व्यक्त नहीं कर रहे."


शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए राजस्थान में मिली छात्रा को अपने पास बुलाया था. जजों ने उससे बात की थी और इसके आधार पर उसे दिल्ली के ही एक महिला हॉस्टल में रखे जाने का आदेश दिया था. साथ ही, उसे माता-पिता से मिलवाने को भी कहा था. आज कोर्ट ने साफ किया कि उसकी सुनवाई का मकसद सिर्फ छात्रा की सुरक्षा था. उसके सामने यह बात रखी गई थी कि लड़की की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है. अब आगे सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर सुनवाई ज़रूरी नहीं है.


जस्टिस आर भानुमति और ए एस बोपन्ना की बेंच ने कहा, "मुलाकात के दौरान लड़की ने उस कॉलेज में एलएलएम की पढ़ाई आगे जारी न रखने की बात कही है. हम चाहते हैं कि उसे किसी और कॉलेज में दाखिला दिलाया जाए. हम मामले में आगे सुनवाई नहीं करेंगे. सिर्फ लड़की की शिक्षा से जुड़े सवाल पर सुनवाई को लंबित रख रहे हैं. बाकी बातों को इलाहाबाद हाई कोर्ट देखेगा."


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