नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजों के चौबीस घंटे बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रभारी पीसी चाको का इस्तीफा मंजूर कर लिया. बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को अतिरिक्त जिम्मेदारी के तौर पर दिल्ली कांग्रेस का अंतरिम प्रभारी बनाया गया है.


दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया. पिछले विधानसभा चुनाव की तरह ही कांग्रेस का खाता तो नहीं ही खुला. वोट प्रतिशत भी पिछली बार की तुलना में आधे से भी ज्यादा घट कर लगभग चार फीसदी रह गया. कांग्रेस ने 66 सीटों पर उम्मदीवार उतारे जिनमें से 63 की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस ने गठबंधन के तहत जो चार सीटें आरजेडी के लिए छोड़ी थी वहां भी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.


नतीजों के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार शाम सोनिया गांधी को इस्तीफे की पेशकश की थी. प्रभारी पीसी चाको ने भी कांग्रेस आलाकमान को इस्तीफा भेजा. इस्तीफों पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सोनिया गांधी ने दोनों के इस्तीफे मंजूर कर लिए.


पीसी चाको पांच सालों से दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष थे. सुभाष चोपड़ा को महज चार महीने पहले ही पिछले साल अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली कांग्रेस की कमान दी गई थी. फिलहाल शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जाता है?


1998 से 2013 तक दिल्ली की सरकार चलाने वाली कांग्रेस की फिलहाल दिल्ली में खस्ताहालत है. हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में उसने आम आदमी पार्टी को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया था लेकिन लगातार दो विधानसभा चुनावों में पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई.


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