Shambhu Border Close: शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं इस मामले को लेकर बुधवार (24 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि किसानों से बात करना जरूरी है और 1 सप्ताह के अंदर ऐसे निष्पक्ष लोगों के नाम तय करें जो किसानों से बात करेंगे. तब तक दोनों राज्य अभी जो स्थिति है, बनाए रखें. इससे पहले बीते सोमवार (22 जुलाई) को मामले की सुनवाई हुई थी.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "किसानों से बात करना जरूरी. सरकार कुछ निष्पक्ष लोगों के जरिए उनकी बात सुने. हमने निष्पक्ष लोगों के जरिए किसानों से बात करने के लिए कहा है. 1 सप्ताह में हरियाणा और पंजाब सरकार वार्ताकारों के नाम हमें सुझाए. तब तक पंजाब और हरियाणा यथास्थिति बनाए रखें. दोनों राज्य चरणबद्ध तरीके से बॉर्डर खोलने पर बात करें ताकि आम लोगों की समस्या दूर हो सके. अगर वार्ताकारों के नाम राज्य सरकारें तय न कर सकें, तो हम तय करेंगे." 


'हम यहां पंजाब और हरियाणा का झगड़ा सुनने नहीं बैठे'


इससे पहले सुनवाई के दौरान हरियाणा के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि जो सो रहा है, उसे जगा सकते हैं लेकिन जो जागते हुए भी खुद को सोया हुआ दिखाए, उसे कैसे जगा सकते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि हाई-वे हमेशा बंद नहीं रह सकता. तो सॉलिसीटर ने कहा कि वह जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर आना चाहते हैं, क्या हाई-वे पर इनकी जगह है. वहीं, पंजाब के वकील ने कहा कि हरियाणा ने बॉर्डर बंद किया है तो इसके जवाब में सॉलिसीटर ने कहा कि पंजाब आंदोलनकारियों को हटाए. हम बॉर्डर खोल देंगे. दोनों की बात पर कोर्ट ने कहा कि हम पंजाब और हरियाणा का झगड़ा सुनने नहीं बैठे हैं. 


हरियाणा सरकार ने दी हाईकोर्ट कोर्ट के फैसले को चुनौती


दरअसल, हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खुलवाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने का आदेश दिया था. इस आदेश की मियाद आज 24 जुलाई को खत्म हो रही है. वहीं, अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है और अदालत ने एक सप्ताह के अंदर ऐसे निष्पक्ष लोगों की टीम बनाने के लिए कहा है जो किसानों से बात कर सकें. 


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