महिला प्रोफेसर ने बिकिनी में तस्वीरें की पोस्ट, कॉलेज ने मांगा इस्तीफा, भेजा 99 करोड़ की मानहानि का नोटिस
Instagram Photos: कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज की एक असिस्टेंट प्रोफेसर को अपने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शेयर करना महंगा पड़ा. कॉलेज ने नौकरी से निकाला और 99 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा.
Instagram Photos: एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी दर्दनाक कहानी बयां की, जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी (St Xavier's University), कोलकाता (Kolkata)की असिस्टेंट प्रोफेसर को इसलिए इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी कुछ बिकनी की तस्वीरों को उन्होंने पर्सनल इंस्टाग्राम (Instagram) पर शेयर किया था. इसके बाद कॉलेज ने उन्हें कंगारू कोर्ट जैसे हॉल में सवाल-जवाब का सामना करना पड़ा जो शर्मनाक, डरावना और घृणा से भार हुआ था. उन्होंने उस भावना को पीड़ादायक बताया और महसूस किया.
बेहद अपमानजनक था ये सब
उन्होंने बताया कि कैसे कुलपति ने उन्हें बुलाया और उस बैठक में कई लोग शामिल थे जो उनसे इतने अपमानजनक सवाल कर रहे थे जिनका जवाब देना बहुत मुश्किल था. वे लोग निजी इंस्टाग्राम के उस फोटो पर तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया, "न केवल उन तस्वीरों के लिए एक घंटे से अधिक समय तक मुझसे नैतिक रूप से सवाल किया गया और परेशान किया गया, बल्कि मुझे अपना इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर किया गया."
उन्होंने बताया कि मैंने ये स्टोरीज यूनिवर्सिटी ज्वाइन करने से पहले अगस्त 2021 में पोस्ट किया था और उनकी इस पोस्ट को सिर्फ उनके करीबी दोस्त ही देख सकते थे. वाइस-चांसलर फादर फेलिक्स ने मुझसे पूछा कि क्या मेरी मां ने इन तस्वीरों को देखा है और क्या वे ऐसी तस्वीरों को अपनी मंजूरी दे सकती हैं. बोर्ड में शामिल एक अन्य महिला ने मुझसे पूछा कि क्या इस तरह की तस्वीरें पोस्ट करना सही है.’
99 करोड़ की मानहानि का मिला नोटिस
पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा कि ये मामला अक्टूबर 2021 का है. लेकिन उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जनवरी 2022 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने इस साल 1 मार्च को यूनिवर्सिटी को कानूनी नोटिस भी भेजा था, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने इसके बदले में उन्हें 99 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेज दिया.
पूर्व सहायक प्रोफेसर ने कहा कि सेंट जेवियर्स में पूर्व में अंग्रेजी में बीए करने के बाद, वह एमए के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय और फिर डॉक्टरेट के लिए एक यूरोपीय विश्वविद्यालय में चली गईं थीं.उन्होंने भारत लौटने के एक साल बाद अपने गृहनगर कोलकाता में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में नौकरी की, ऐसे समय में जब कोरोना की वजह से “लोग बीमार पड़ रहे थे, लोग अपने प्रियजनों को खो रहे थे उसी समय उन्होंने शैक्षणिक संस्थान को ज्वाइन किया था क्योंकि वह अपने माता-पिता के करीब रहना चाहती थी.
वह कहती हैं, "आखिरकार मुझे ऐसे सब्जेक्ट सौंपे जाने पर खुशी हुई जो मुझे पढ़ाना पसंद आया... छात्र ईमानदार और बोधगम्य थे और कक्षा में चर्चाएं एनिमेटेड और बेहद आकर्षक होती थीं लेकिन इस रमणीय शैक्षणिक यात्रा को जल्द ही क्रूरता से समाप्त किया जाना था और इस तरह से जो अभी भी एक विचित्र दुःस्वप्न की तरह लगता है."
इंस्टाग्राम की तस्वीरों को लेकर लगाया गया आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि 7 अक्टूबर की बैठक में, उसे बताया गया कि एक छात्र के पिता ने उनकी तस्वीरों को देखकर शिकायत की थी. शिकायत के बाद मुझसे मेरी पर्सनल तस्वीरों को लेकर सवाल किया गया, मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और मुझे बदनाम किया गया. जिसमें मेरी कोई गलती नहीं थी. मुझसे कहा गया कि आपकी इन तस्वीरों से कॉलेज की छवि पर प्रभाव पड़ा है. इतने सारे सवाल मेरे लिए विशेष रूप से अपमानजनक और दर्दनाक था."
बेहद दर्दनाक था सब
उन्होंने कहा कि, ये सब तब हो रहा था जब मैं और मेरे पिता कोविड के तनाव और मुकाबलों से जूझ रहे थे, वह कहती हैं. "मैं आर्थिक रूप से बर्बाद हो गई थी ... मेरी नौकरी चली गई थी और आर्थिक रूप से मैं असमर्थ थी जब मेरे पिता को महीने में दो बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था."
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