Kangana Ranaut on Farm Laws: फिर भड़कीं कंगना रनौत ने भारत को बताया जिहादी राष्ट्र, कहा- अगर सड़कों से कानून बनेंगे तो...
Kangana Ranaut on Farm Laws: कंगना का ट्विटर अकाउंट तो संस्पेंड है, लेकिन वह इंस्टाग्राम स्टोरीज अपलोड करके लगातार जहरीले बयान दे रही हैं. जानिए कंगना ने क्या कहा है.
Kangana Ranaut on Farm Laws: बे सिर पैर की टिप्पणियों के लिए मशहूर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) इन दिनों खूब विवादों में हैं. कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के फैसले को शर्मनाक बताते हुए कंगना रनौत ने विवादित बयान दिया है. कृषि कानूनों की वापसी से भड़की कंगना ने भारत को 'जिहादी राष्ट्र' बता दिया है. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया.
कंगना रनौत ने क्या कहा?
कंगना का ट्विटर अकाउंट तो संस्पेंड है, लेकिन वह इंस्टाग्राम स्टोरीज अपलोड करके लगातार जहरीले बयान दे रही हैं. कंगना ने इंस्टा स्टोरी में कृषि कानूनों की वापसी को दुखद और शर्मनाक बताते हुए लिखा, ''अगर संसद में चुनी हुई सरकार के बदले सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया तो यह एक जिहादी राष्ट्र है. उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते थे.''
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है. मकसद ये था कि देश के किसानों को, खासकर छोटे किसानों को, और ताकत मिले, उन्हें अपनी उपज की सही कीमत और उपज बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है. बरसों से ये मांग देश के किसान, देश के कृषि विशेषज्ञ, देश के किसान संगठन लगातार कर रहे थे. पहले भी कई सरकारों ने इस पर मंथन किया था.
उन्होंने कहा, ''इस बार भी संसद में चर्चा हुई, मंथन हुआ और ये कानून लाए गए. देश के कोने-कोने में कोटि-कोटि किसानों ने, अनेक किसान संगठनों ने, इसका स्वागत किया, समर्थन किया. मैं आज उन सभी का बहुत आभारी हूं. हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी, लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए.''