नीति आयोग के सदस्य के बिगड़े बोल, कहा- कश्मीर में इंटरनेट से क्या फर्क पड़ता है, गंदी फिल्में ही तो देखते हैं
नीति आयोग के सदस्य और पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत ने केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है, 'राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे कश्मीर में भी दिल्ली की तरह सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को फिर से खड़ा करना चाहते हैं.'
नई दिल्ली: कश्मीर में इंटरनेट बैन को लेकर लगातार बयान आते रहे हैं लेकिन इंटरनेट पर लगी इस पाबंदी पर नीति आयोग के सदस्य और पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत ने शर्मनाक बयान दिया है. सारस्वत के इस बयान की हर तरफ आलोचना की जा रही है.
इंटरनेट पर लगी पाबंदी पर सारस्वत ने कहा, 'अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा आप उस पर (इंटरनेट) कुछ भी नहीं करते हैं.' सारस्वत के इस बेहुदा बयान की खूब निंदा की जा रही है.
NITI Aayog member V K Saraswat: Why do politicians want to go to Kashmir? They want to re-create the protests happening on the roads of Delhi in Kashmir. They use social media to fuel protests. (1/2) (18.01.2020) pic.twitter.com/ZneAatkgTQ
— ANI (@ANI) 19 जनवरी 2020
बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही वहां इंटरनेट पर पाबंदी लगी हुई है. हालांकि हाल ही में प्रीपेड कॉल और एसएमएस और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू की गई हैं. कश्मीर के अस्पतालों में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है.
यही नहीं वीके सारस्वत ने केंद्रीय मंत्रियों के कश्मीर दौरे को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, 'राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे कश्मीर में भी दिल्ली की तरह सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को फिर से खड़ा करना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि 'राजनेता विरोध प्रदर्शनों को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं.'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के 36 मंत्रियों का 25 जनवरी तक जम्मू कश्मीर के दौरे का कार्यक्रम है. ये मंत्री सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों को आम लोगों के बीच पहुंचाएंगे. मंत्री घाटी की स्थिति का भी जायजा लेंगे. केंद्र सरकार के मंत्री जम्मू-कश्मीर में लोगों को उन कार्यक्रमों की जानकारी देंगे, जिन्हें सरकार ने 5 अगस्त को धारा 370 को निरस्त के बाद शुरू किया है.
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