जान न पहचान, वो बन गए अब्बूजान- हिजबुल्लाह चीफ की मौत पर इंडिया में प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का तंज
हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का असर भारत में भी देखने को मिला. जम्मू कश्मीर में नसरल्लाह की मौत के खिलाफ प्रदर्शन किए गए. इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने अपनी चुनावी सभाओं को भी रद्द कर दिया था.
हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत के खिलाफ जम्मू कश्मीर समेत भारत में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती समेत कई पार्टियों के नेताओं ने न सिर्फ हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत पर दुख जताया बल्कि अपने चुनावी कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया. अब इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा है.
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने X पर लिखा, जान ना पहचान …भारत में वो बन गए इनके अब्बूजान.
जान ना पहचान …भारत में वो बन गए इनके अब्बूजान।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 30, 2024
महबूबा ने चुनावी कार्यक्रम कर दिए थे रद्द
इजरायल ने इन दिनों लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं. हाल ही में इजरायली एयरफोर्स द्वारा की गई एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह समेत कई कमांडर ढेर हो गए. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह नेता नसरल्लाह को शहीद बताया था. उन्होंने विरोध में चुनाव प्रचार करने से भी इनकार कर दिया. जम्मू कश्मीर में तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी.
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने नसरल्लाह की मौत पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा, लेबनान और गाजा के शहीदों, खासतौर से हसन नसरल्लाह के समर्थन में रविवार का चुनावी दौरा रद्द कर रही हूं. इस गहरे दुख और विद्रोह की घड़ी में हम फिलीस्तीन और लेबनान के लोगों संग खड़े हैं. लेबनान में इजरायली हमले में मारे गए नसरल्लाह के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के बडगाम में लोगों ने रैली भी निकाली, जिसमें बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल हुईं.
अनुराग ठाकुर ने भी साधा निशाना
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, ये वो पार्टियां हैं जो अलगाववादियों, आतंकवादियों और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों का समर्थन करती रहीं. जेकेएनसी, पीडीपी और कांग्रेस जैसी पार्टियां आतंकवाद का समर्थन करती हैं. उन्हें गाजा तो नजर आता है लेकिन ढाका में हिंदुओं की हत्याएं नजर नहीं आती. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राजनीतिक दल तुष्टिकरण की राजनीति के चलते इस तरह से अपनी रैलियों को रद्द कर रही है. वे लोकतंत्र के पक्ष में नहीं, वे आतंकवाद के समर्थक हैं..."