Air India Peeing Incident: एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने की घटना से लोगों में बेहद नाराजगी है. लोग एयर इंडिया के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिर फ्लाइट में महिला के साथ इस तरह का अपराध करने वाले को इतनी आसानी से जाने दिया गया. अब उसी फ्लाइट में सवार रहे एक यात्री ने बताया है कि आखिर हुआ क्या था?
सुगाता भट्टाचार्जी अमेरिका में डॉक्टर हैं. वह भी उसी फ्लाइट में थे जिसमें शंकर मिश्रा नाम के शख्स ने महिला के ऊपर पेशाब कर दी थी. इंडिया टुडे के साथ बातचीत में उन्होंने उस वाकये की पूरी तस्वीर पेश की.
आरोपी से की थी बात
भट्टाचार्जी ने बताया कि उन्होंने आरोपी से बात की थी जिसके बाद उन्हें महसूस हुआ था कि वह नशे में था. उन्होंने एयर इंडिया से अनुरोध किया था कि आरोपी को और शराब न दी जाए.
डॉक्टर भट्टाचार्जी ने घटना के बाद एयर इंडिया स्टाफ की लापरवाही की तरफ भी इशारा किया. डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने पेशाब किए जाने की घटना को तो नहीं देखा लेकिन उसके बाद जो हुआ उसे जरूर देखा। उन्होंने पीड़ित महिला की तुरंत मदद नहीं करने और उसे कई घंटों तक गंदी सीट पर बैठाने के लिए एयरलाइन के कर्मचारियों को दोषी ठहराया.
पूरे शरीर से आ रही थी बदबू
उन्होंने बताया, "उनके पूरे शरीर से पेशाब की बदबू आ रही थी. उन्हें एक ही सीट का इस्तेमाल करना था, उन्होंने कई कंबल डाले और कुछ समय बाद जब एक क्रू सीट उपलब्ध हुई, तो उन्होंने उसे दे दी."
भट्टाचार्जी के मुताबिक, वह सीनियर परिचारिका के पास भी गए थे और उससे महिला के लिए अलग सीट की मांग की, जिस पर उसने यह कह दिया कि ये उसका काम नहीं है. जहाज के कैप्टन को साफ सीट देने के लिए दो घंटे बाद फोन किया गया जबकि फर्स्ट क्लास में चार सीटें खाली थीं. पीड़िता बिजनेस क्लास में यात्रा कर रही थी.
घटना के बारे में बताते हुए भट्टाचार्जी ने कहा कि एयर इंडिया के कर्मचारियों ने मानक परिचालन प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है और यह कदम पूरी तरह अनुचित है.
स्टाफ की बताई गलती
फ्लाइट में हुई घटना को अश्लीलता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अपराध है और एयरलाइंस के कर्मचारियों के पास इसके लिए बीच-बचाव का अधिकार नहीं था. उनका काम था कि वे पीड़ित और यात्री को अलग करते और उचित अधिकारियों को घटना के बारे में सूचित करते. उन्होंने आगे कहा कि स्टाफ ये देखने की कोशिश कर रहा था कि दोनों आपस में बात करके मामले को निपटा लेंगे.
भट्टाचार्जी ने यह भी बताया कि चालक दल ने जिस तरह से घटना को हैंडल किया उसके बारे में उन्होंने दो पेज की शिकायत लिखी और पीड़िता को तुरंत साफ सीट न उपलब्ध कराने की आलोचना की थी.
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