Shankaracharya on RSS: ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को गलत बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में खोदने का सिस्टम बंद होना चाहिए. इसके जवाब में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हिंदू समाज से ऐसा वो ही कह सकता है, जो हिंदू समाज के लिए समर्पित हो और हिंदू समाज के लिए काम करता हो.  


न्यूज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की संस्था ने न जाने कितनी बार ये बयान दिया है कि वह अलग तरह के सामाजिक संगठन हैं. इस हिसाब से वह हिंदू संगठन है ही नहीं तो हिंदुओं को निर्देश देने का उनका कोई अधिकार नहीं बनता है. अनाधिकार चेष्टा कोई भी करे वह तात्पर्य हीन होती है. इसलिए, जो हिंदुओं की भावना को समझता होगा हम उसकी सराहना करेंगे. अगर कोई भी, जो कहता है कि हम हिंदू संगठन है ही नहीं है तो हम उनकी बात क्यों मानेंगे. 


‘इतिहास जानने के लिए कराया जाता है उत्खनन’ 


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भारत खोदो अभियान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “पुरातत्व विभाग को बंद कर दो, उत्खनन के जितने कार्यक्रम सरकार चला रही है वो सब बंद करवा देना चाहिए. सरकार उत्खनन क्यों करवाती है. सरकार हमारे टैक्स के पैसे का अरबों रुपया खर्च करती है. जगह-जगह वैज्ञानिक उत्खनन क्यो करते हैं… इतिहास जानने के लिए. हम कहीं पर खोदने की मांग करते हैं तो उसके लिए हमको मना कर दिया जाता है. जब उत्खनन का सरकारी काम सही हो सकता है तो हमारी ओर से जो मांग की जा रही है वो गलत कैसे है. 


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भड़कते हुए कहा कि उत्खनन के लिए अनुमति दीजिए सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. 


‘जहां तक हुआ अत्याचार वहां तक जानेंगे सच्चाई’


अयोध्या से शुरू होकर खुदाई का मामला काशी, मथुरा, संभल, अजमेर और मध्य प्रदेश के धार पहुंच गया है इसको लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “जहां तक हमारे ऊपर अत्याचार हुआ होगा उसकी सच्चाई को जानने के लिए जाएंगे. जहां तक हमारे ऊपर अत्याचार की कहानी हमको सुनाई देगी हम उसके बारे में जानना चाहेंगे. 


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