पहले किया प्राण प्रतिष्ठा का विरोध, अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- 'हम मोदी विरोधी नहीं, उनके प्रशंसक'
Ram Lalla Pran Pratishtha: 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. कई राजनीतिक दलों और शंकराचार्यों ने इसका विरोध भी किया.
Ram Mandir Opening Ceremony: सोमवार (22 जनवरी) को अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने जा रहा है. इसको लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है. राम मंदिर उद्घाटन के मुहूर्त को लेकर सवाल उठाने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि 'हम मोदी विरोधी नहीं, उनके प्रशंसक हैं.'
शंकराचार्य ने कहा, "सच्चाई ये है कि पीएम मोदी ने हिंदुओं को आत्म-जागरूक बनाया है जो छोटी बात नहीं है. हमने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि हम मोदी विरोधी नहीं बल्कि उनके प्रशंसक हैं. भारत के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री का नाम बताइए जिसने पहले भी मोदी की तरह हिंदुओं को मजबूत किया हो? हमारे कई प्रधानमंत्री रहे हैं और वे सभी अच्छे रहे हैं - हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं."
‘हिंदुओं को मजबूत करने का काम पीएम मोदी कर रहे’
उन्होंने सवाल करते हुए आगे कहा, “जब अनुच्छेद 370 को खत्म किया गया तो क्या हमने इसका स्वागत नहीं किया? जब नागरिकता संशोधन कानून आया तो क्या हमने इसकी प्रशंसा नहीं की? क्या हमने पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान में बाधा डाली? हमने इस बात की भी सराहना की कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से भूमि पर राम मंदिर बनाए जाने के फैसले के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति में कोई व्यवधान नहीं आया.''
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, ''जब भी हिंदू मजबूत होते हैं तो हमें खुशी होती है और नरेंद्र मोदी वह काम कर रहे हैं.”
राम मंदिर के मुहूर्त को लेकर शंकराचार्यों ने उठाए थे सवाल
इससे पहले शंकराचार्यों ने अलग-अलग कारण बताकर राम मंदिर उद्घाटन से किनारा कर लिया. हालांकि रामलला प्राण प्रतिष्ठा का इन शंकराचार्यों ने समर्थन भी किया है. मामले पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था कि मंदिर अभी पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुआ है और उससे पहले प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए. अधूरे भगवान की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों में निषेध है.