Swami Nischalananda Statement: 'नकली शंकराचार्य' को लेकर केंद्र पर भड़के स्वामी निश्चलानंद, बोले- एक आतंकवादी को...
Swami Nischalananda: गोवर्धनमठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने नकली शंकराचार्य मुद्दे पर सरकार और RSS को घेरा. उन्होंने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी.

Shankaracharya Controversy: गोवर्धनमठ पुरी के पीठाधीश्वर और जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों के लिए मशहूर हैं. हाल ही में उन्होंने सत्ता पक्ष और विशेष रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा. स्वामी निश्चलानंद ने नकली शंकराचार्य के मुद्दे पर सरकार को घेरा.
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा "अंग्रेजों और मुगलों ने देश में लंबा शासन किया, लेकिन कभी आतंकवादी को शंकराचार्य नहीं बनाया. अब नकली जगद्गुरुओं और नकली शंकराचार्यों की भरमार हो गई है." उन्होंने ये भी कहा कि एक आतंकवादी को शंकराचार्य बना कर हर जगह घुमाया जा रहा है और उसे RSS के कार्यालय में भी ठहराया गया है. उनके मुताबिक शंकराचार्य को परंपरागत रूप से चुना जाना चाहिए ताकि लोग उनका अनुसरण कर सकें और धर्म लाभ हासिल कर सकें.
स्वामी ने अमित शाह से नकली शंकराचार्य पर बातचीत की
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि चाहे उन्हें लाखों आतंकवादी और अराजकतत्व घेर लें वह किसी से डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बारे में कहा "पिछले दिनों अमित शाह मेरे पास आए थे और जब मैंने नकली शंकराचार्य पर उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि वे मेरे पास ही आते हैं. मैंने उन्हें जवाब दिया कि नकली को खड़ा करते हो और कहते हो कि मेरे पास ही आते हो."
स्वामी निश्चलानंद ने सनातन बोर्ड के गठन की जरूरत पर बात की
स्वामी निश्चलानंद ने देशभर में सनातन बोर्ड के गठन की जरूरत पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि यदि शंकराचार्य अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन करें तो ऐसी कोई जरूरत नहीं होगी. उनका मानना है कि देश में कोई भी समस्या हो उसका समाधान यहां मौजूद है और उसे बाहर से आने की आवश्यकता नहीं है.
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के बयान की जड़ नकली शंकराचार्य के विवाद में है. ये विवाद गोवर्धन मठ को लेकर है जिसके वे वर्तमान शंकराचार्य हैं. वे इस मठ के 145वें शंकराचार्य हैं जिसे आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया था. शंकराचार्य ने 4 प्रमुख मठों की स्थापना की थी जिनमें गोवर्धन मठ (पुरी), ज्योतिष्पीठ (जोशीमठ), शारदापीठ (द्वारका) और शृंगेरीपीठ (चिकमंगलूर) शामिल हैं. स्वामी निश्चलानंद ने इस विवाद को लेकर अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि ये परंपरा के खिलाफ है.
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