रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर क्या कुछ बोले शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद महाराज?
Ramlala Pran Pratishtha: शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हर कोर्ट में लड़ाई लड़ी गई.
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां जोरों-शोरों पर हैं. देशभर में राम मंदिर को लेकर उत्साह का माहौल है. इस बीच शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि यह समय 400-500 साल बाद आया है. इसके लिए बड़ी लड़ाई लड़ी गई है.
उन्होंने शुक्रवार (19 जनवरी) को न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ''परमात्मा श्रीराम की रामजन्मभूमि के ऊपर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है. हम सभी लोग वहां परमात्मा श्रीराम के विग्रह का दर्शन करेंगे. यह बहुत सालों का प्रयास है. 400 से 500 साल बाद यह अवसर आया है." इसके लिए बड़ी-बड़ी लड़ाईयां लड़ी गई, युद्ध हुए."
'अदालत में लड़ी लड़ाई'
सदानंद सरस्वती ने कहा, "अधर्मियों ने हमारे धर्म स्थलों को भ्रष्ट करके अपवित्र कर दिया, उसका विध्वंश भी हुआ. इसके लिए साधु संतों, निर्मोही अखाड़ा, ट्रस्टों और अन्य लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी."
गर्भगृह में पहुंची रामलला की भव्य मूर्ति
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब रामलला की भव्य मूर्ति को गर्भगृह में पहुंचा दिया गया है. रामलला की इस मूर्ति में विष्णु के दशावतार बनाए गए हैं. बता दें रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की जाएगी. वह ही समारोह में मुख्य यजमान होंगे.
इस समारोह के से पहले पीएम मोदी 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान भी कर रहे हैं. इसके तहत वह फर्श पर कंबल ओढ़कर सो रहे हैं और केवल नारियल पानी पी रहे हैं. इसके अलावा पीएम गौ-पूजा करते हैं और हर रोज गायों को चारा भी खिलाते हैं.
समारोह में शामिल होंगे 7 हजार से अधिक लोग
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक समारोह में 7,000 से ज्यादा लोग शामिल होंगे. इनमें राजनेता, फिल्म, खेल, उद्योग जगत और संत शामिल हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अयोध्या के राम मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर से भगवान राम को समर्पित टिकटों वाली एक पुस्तक भी जारी की थी.
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