Shanti Bhushan Passes Away: दिग्गज वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण (Shanti Bhushan) का मंगलवार (31 जनवरी) को निधन हो गया. उन्होंने आज शाम 7 बजे दिल्ली में अपने घर पर अंतिम सांस ली. शांति भूषण 97 साल के थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने मोरारजी देसाई (Morarji Desai) मंत्रालय में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री (Law Minister) के रूप में कार्य किया था.


उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक प्रसिद्ध मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था, जिसके परिणामस्वरूप 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में हटा दिया गया था. दरअसल, इंदिरा गांधी ने 1971 के आम चुनाव में रायबरेली सीट से चुनाव जीता और प्रधानमंत्री बनीं. उनके विरोधी जनसंघ के राजनारायण ने उनपर चुनावी कदाचार के माध्यम से अपनी सीट जीतने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया था. 


पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के खिलाफ जीता था केस


उन्होंने इंदिरा गांधी पर रिश्वत लेने और चुनाव जीतने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. राजनारायण के लिए शांति भूषण ने केस लड़ा और जीता. न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को संसद सदस्य के रूप में प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें अगले छह वर्षों के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया था. इस निर्णय के परिणामस्वरूप राजनीतिक विरोध हुआ और भारत में आपातकाल की स्थिति की घोषणा हुई थी. 


शांति भूषण का राजनीतिक सफर


शांति भूषण कांग्रेस (ओ) और बाद में जनता पार्टी के सदस्य रहे थे. वे अपने राजनीतिक जीवन के दौरान राज्यसभा सांसद भी थे. वे 1980 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और 1986 में बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. 


जनहित के कई मुद्दे उठाए


उन्होंने जनहित के कई मुद्दे उठाए हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुखर वक्ता रहे हैं. 1980 में उन्होंने एनजीओ 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' की स्थापना की, जिसने सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाएं दायर की हैं. 


आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे


2018 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम में बदलाव की मांग की थी. फेमस वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण उनके बेटे हैं. शांति भूषण (Shanti Bhushan) अपने बेटे प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) के साथ 2012 में आम आदमी पार्टी (AAP) के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे. बाद में वे पार्टी से अलग हो गए थे.


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