मुम्बई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुल 288 सीट में से महज 54 सीट जीतकर सत्ता का स्वाद चखने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अपना अगला लक्ष्य तय कर लिया है. एनसीपी अपने आप को शहरी क्षेत्रों में बढ़ाना चाहती है जिसमें पहला लक्ष्य मुम्बई महानगरपालिका को चुना है. 227 सदस्यों वाली मुम्बई महानगरपालिका में एनसीपी के महज 8 सदस्य है लेकिन अब 60 से अधिक सीट जीतकर एनसीपी किंगमेकर की भूमिका में आना चाहती है.


एनसीपी ने मुम्बई महानगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के अलावा नए दोस्त शिवसेना के साथ गठबंधन के संकेत दिए हैं. रविवार को मुम्बई में एनसीपी के अधिवेशन हुआ और साल 2022 में होने वाले मुम्बई महानगरपालिका चुनाव में किंगमेकर बनने का लक्ष्य तय हुआ. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार सहित पार्टी के बड़े नेताओं ने मुम्बई महानगरपालिका को लेकर अपनी अपनी बात रखी.


एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि दिल्ली सरकार के कदमों को देखते हुए महाराष्ट्र में तीन दल एकसाथ और एकमत हैं. महाराष्ट्र विकास आघाड़ी नाम से बने गठबंधन में दूसरे दलों को साथ लेना चाहिए. महाराष्ट्र में चुनाव हुए और लोगों ने अपना समर्थन दिया पर मुंबई में भी पार्टी का दायरा बढ़ना चाहिए. पार्टी में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए. सभी को साथ लेकर पार्टी को चलाना होगा. मुंबई में 1 दिन का अधिवेशन हुआ पर हमें मजबूत संगठन की जरूरत है. मुम्बई में ज्यादा पार्षद, विधायक चुनकर आए इसलिए पार्टी को बढ़ाना होगा. साल 2022 में होने वाले मुम्बई महानगर पालिका चुनाव में पार्टी किंग ना सही किंगमेकर जरूर बने.


महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि मुम्बई में एक सोच बन चुकी है कि मुम्बई में मुख्य पार्टी मतलब शिवसेना, बीजेपी, कांग्रेस और चौथे नंबर पर एनसीपी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना सन 1999 में मुम्बई में हुई पर पार्टी के पहले ही चुनाव के बाद सरकार बनी और मुम्बई पर ध्यान नहीं दिया गया. शरद पवार को देशभर में मानने वाला वर्ग है पर पार्टी इसका फायदा नहीं उठा पाई. एनसीपी शहरी भाग में कमजोर पड़ जाती है. मुम्बई के नेताओं, मंत्रियों को मुम्बई के मुद्दों का हल निकालना होगा. एनसीपी को बीएमसी चुनाव में 50 से अधिक सीट जीतकर चौथे नंबर पर रहने की आदत छोड़नी चाहिए.


महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पिछले दशक में मुम्बई में एनसीपी के परफॉरमेंस अच्छा ना होते हुए भी मुम्बई में कार्यकर्ता साथ जुड़े रहे. कार्यकर्ता मजबूती के साथ खड़े रहेंगे तो पार्टी बड़ी होगी. किसान कर्जमाफी, मराठी भाषा अनिवार्य, शिव भोजन जैसे फैसले लिए गए. मुम्बई में 6 लोकसभा सीट के से एनसीपी और कांग्रेस के एक भी चुनकर नहीं आए. विधानसभा में मुम्बई की 36 सीटों में से एक नवाब मालिक चुनकर आए. मुम्बई में एनसीपी के 8 नगरसेवक हैं.


महाराष्ट्र विकास आघाड़ी का यह फैसला है कि आगे मिलकर चुनाव लड़ेंगे. अब आगे मुम्बई में एनसीपी के 10 विधायक चुनकर आने चाहिए, 8 नगरसेवक से बढ़कर 50-60 पार्षद होने चाहिए . हर नेता , मंत्री को मुम्बई में महीने का एक दिन देना होगा. पार्टी की बदनामी हो, शरद पवार की बदनामी हो ऐसा कोई काम ना करें. मुम्बई में एनसीपी ने जिन नेताओं को बड़ा किया वो पार्टी छोड़कर गए. नवाब मालिक, नरेंद्र मेहता को छोड़कर सभी बड़े नेता दूसरे दल में चले गए. सचिन अहिर, प्रासाद लाड, चित्र वाघ, संजय पाटील, सुभाष मयेकर को सबकुछ दिया पर वो पार्टी छोड़कर चले गए. विरोधी हमे तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं पर यह दीवार टूटती क्यों नहीं ऐसा दिखा तो समझिए अम्बुजा सीमेंट जैसी कई सीमेंट से यह बनी है.


महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपीके चीफ व्हिप आशीष शेलार ने एनसीपी के नए लक्ष्य पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ''राष्ट्रवादी के एक नेता कहते हैं बीएमसी में 60 सीट जीतेंगे, एक कहते हैं 50 जीतेंगे, जबकि मौजूदा 8 पार्षद टिके रहे यही बहुत ह .मेंढक कितना भी फूल जाए दूसरा प्राणी थोड़ी बन जाता है. जिस पार्टी को मुम्बई के लिए एक अध्यक्ष के लिए मारामारी है वो निकले है मिशन महानगरपालिका पर... हास्यास्पद है . बीएमसी पर अबकी बार बीजेपीसरकार.''


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