Sharad Pawar On Babari Masjid: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने मंगलवार (08 अगस्त) को एक कार्यक्रम के दौरान दावा किया है कि साल 1992 में जिस समय राम जन्मभूमि आंदोलन जोर पकड़ रहा था उस समय बीजेपी नेता विजय राजे सिंधिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भरोसा दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनसीपी नेता ने ये भी दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों की सलाह के खिलाफ बीजेपी नेता की कथनी पर विश्वास किया था. वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी की किताब 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' के विमोचन के मौके पर शरद पवार ने कहा कि वह तत्कालीन गृह मंत्री और गृह सचिव के साथ बैठक में उपस्थित थे.


एनसीपी प्रमुख ने कहा, “मंत्रियों का एक ग्रुप था और मैं उनमें से एक था... यह निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री को संबंधित पार्टी के नेताओं की बैठक बुलानी चाहिए.” बता दें कि उस समय शरद पवार केंद्रीय रक्षा मंत्री हुआ करते थे. 


पीवी नरसिम्हा राव ने सुनी विजय राजे सिंधिया की बात


उन्होंने कहा, “इसी बैठक में विजय राजे सिंधिया ने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया था कि बाबरी मस्जिद को कुछ नहीं होगा. जबकि मुझे, गृह मंत्री और गृह सचिव को लगा कि कुछ भी हो सकता है लेकिन नरसिम्हा राव ने सिंधिया पर विश्वास करना चुना.”


इस बीच, चौधरी ने घटना के बाद राव की कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के साथ हुई बातचीत का जिक्र किया, जिस दौरान प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि विध्वंस के समय वह क्या कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि राव ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने ऐसा होने दिया क्योंकि इससे एक मुद्दा खत्म हो जाएगा और उन्हें लगा कि बीजेपी अपना मुख्य राजनीतिक कार्ड खो देगी.


किताब का विमोचन पवार ने केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, कांग्रेस नेता शशि थरूर, पूर्व रेल मंत्री और बीजेपी नेता दिनेश त्रिवेदी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ किया.


ये भी पढ़ें: Maharashtra Politics: शरद पवार का एक्शन, इस नेता को NCP की कार्यकारी समिति से हटाया