लखनऊ पहुंचे शरद पवार का सवाल, मंदिर के लिए ट्रस्ट तो मस्जिद के लिए क्यों नहीं?
एनसीपी अध्यक्ष ने सरकार पर धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को अयोध्या में मस्जिद के लिए धन उपलब्ध कराना चाहिए.
लखनऊ: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि सरकार को अयोध्या में मस्जिद के लिए धन उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा, "बीजेपी लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांट रही है. अगर सरकार मंदिर के लिए ट्रस्ट बना सकती है तो एक अन्य ट्रस्ट बनाकर मस्जिद के लिए भी धन क्यों नहीं दे सकती."
पवार बुधवार को लखनऊ में अपनी पार्टी के राज्य सम्मेलन में भाग लेने आए थे. सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश के बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, "सरकार ने युवाओं के लिए एक मासिक राशि की घोषणा की है, लेकिन इसमें संदेह है कि उन तक पैसा पहुंच पाएगा या नहीं. समय की मांग युवाओं को काम का अधिकार देने की है."
पवार ने कहा कि ऐसा अवसरों की कमी के वजह से है. युवा आजीविका के लिए मुंबई जैसे शहरों की तरफ पलायन कर रहे हैं. उन्होंने एनसीपी कार्यकर्ताओं से राज्य व देश में बदलाव लाने का आह्वान किया.
SC ने दिया था अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला
बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने अयोध्या भूमि विवाद का हल करते हुए फैसले दिया था. SC ने अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला विराजमान का हक माना था. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया गया था. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की विशेष बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया था.
ट्रस्ट का निर्माण करने का कोर्ट ने दिया था आदेश
विवादित जमीन पर रामलला का हक बताते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया था. केंद्र की मोदी सरकार कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया.
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में ट्रस्ट के चेयरमैन की जिम्मेदारी महंत नृत्य गोपाल दास को सौंपी गई तो वीएचपी से जुड़े चंपत राय को उपाध्यक्ष बनाया गया. वहीं कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी गोविंद गिरी जी महाराज संभालेंगे. इतना ही नहीं मंदिर के निर्माण के लिए एक निर्माण समिति भी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधान सचिव के तौर पर कार्य कर चुके नृपेंद्र मिश्रा होंगे. निर्माण समिति की जिम्मेदारी होगी कि वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की अगली बैठक के दौरान ट्रस्ट को जानकारी दें कि मंदिर का निर्माण कार्य कब से शुरू हो सकता है और उसमें कितना वक्त लग सकता है.
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