शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले पर कहा- लोकतंत्र की हत्या, निर्णय दबाव में लिया गया
ECI ने अजित पवार गुट को असली NCP घोषित करने का फैसला दिया है, जिसकी शरद पवार गुट आलोचना कर रहा है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
NCP Anil Deshmukh on ECI Decision : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया और दावा किया यह दबाव में लिया गया निर्णय है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने फैसले का स्वागत किया.
निर्वाचन आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' भी आवंटित किया. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, ''यह लोकतंत्र की हत्या है. जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है. देशमुख ने एक टीवी चैनल से कहा कि निर्वाचन आयोग ने यह फैसला 'ऊपर से दबाव' के तहत दिया.''
वहीं, सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शरद पवार के साथ हैं और पवार फिर से पार्टी का निर्माण करेंगे. शरद पवार गुट के एक और नेता जयंत पाटिल ने कहा कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी.
उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह उनके गुट को असली एनसीपी घोषित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निर्वाचन आयोग के फैसले से साबित होता है कि पार्टी के अधिकांश कार्यकर्ता और निर्वाचित प्रतिनिधि अजित पवार के साथ हैं.
'शिवसेना के मामले में भी लिया गया था ऐसा निर्णय'
निर्वाचन आयोग के मंगलवार (6 फरवरी) के फैसले से अजित पवार और पार्टी के संस्थापक एवं उनके चाचा शरद पवार के बीच कई महीनों से जारी लड़ाई खत्म हो गई. देशमुख ने कहा कि इसी तरह का निर्णय शिवसेना के मामले में भी लिया गया था. वह 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद निर्वाचन आयोग की ओर से एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने का जिक्र कर रहे थे. देशमुख ने कहा, 'हर कोई जानता है कि शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी और वह स्थापना के समय से ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं.
'निर्वाचन आयोग का निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण'
एनसीपी नेता ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से की गई टिप्पणी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (5 फरवरी) को कहा कि वह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के संबंध में लोकतंत्र की हत्या की अनुमति नहीं दे सकता. इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को पार्टी के नाम और उसका चिह्न के संबंध में इसी तरह का निर्णय दिया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.'
राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर दी शरद पवार गुट को विशेष छूट
आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक तथा विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे. आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और 3 प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार (7 फरवरी) दोपहर तक का समय दिया.
अजित पवार पिछले साल जुलाई में राकांपा के अधिकांश विधायकों के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.