National Party Status: चुनाव आयोग ने सोमवार(10 अप्रैल) को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को  राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया, लेकिन दूसरी तरफ शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का नेशनल पार्टी का स्टेटस वापस ले लिया. इसी बीच निर्वाचन आयोग के फैसले पर एनसीपी, टीएमसी और सीपीआई की प्रतिक्रिया आई है. 


एनसीपी ने कहा कि निर्वाचन आयोग के ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली है. इसके आने पर ही कुछ कहेंगे. वहीं बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने बोला कि वो इस मामले में कानूनी प्रक्रिया देखने से पहले इलेक्शन कमीशन से अपील करेगी. सीपीआई ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिए जाने पर कहा कि चुनाव आयोग को यह फैसला करने से पहले इस पर भी विचार करना चाहिए था कि स्वतंत्रता आंदोलन में हमारी क्या भूमिका थी. 


एनसीपी ने क्या कहा था? 


एनसीपी के लोकसभा सांसद सुनील तटकरे ने कहा कि हम चुनाव आयोग के ऑर्डर की कॉपी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही पार्टी की ओर से अधिकारिक बयान दिया जाएगा. एनसीपी को शरद पवार ने 1999 में बनाया था और चुनावी सफलता के बाद पार्टी को 2000 में राष्ट्रीय पार्टी घोषित किया गया था. 


सीपीआई ने क्या कहा?


सीपीआई ने इलेक्शन कमीशन के निर्णय पर कहा कि वह देश की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक है और आज भी उसकी अखिल भारतीय स्तर पर पहुंच और जनसमर्थन है. साथ ही पार्टी ने कहा कि आयोग को हमारे समृद्ध इतिहास के साथ इस पर उचित ढंग से विचार करना चाहिए था कि ब्रिटिश राज के खिलाफ संघर्ष में उसने प्रमुख भूमिका निभाई थी. 


सीपीआई ने दावा किया कि देश में लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था को मजबूत करने में उसकी अग्रणी भूमिका है. बता दें कि इसके साथ ही चुनाव आयोग ने अलग-अलग आदेशों में उत्तर प्रदेश में आरएलडी, आंध्र प्रदेश में बीआरएस, मणिपुर में पीडीए, पुडुचेरी में पीएमके, पश्चिम बंगाल में आरएसपी और मिजोरम में एमपीसी को दिया गया राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा भी खत्म कर दिया.


राष्ट्रीय पार्टी का स्टेटस मिलने पर क्या फायदा होता है?


देश में अब बीजेपी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और आप राष्ट्रीय पार्टी है. किसी भी पार्टी को नेशनल पार्टी का स्टेटस मिलने से वो पार्टी पूरे देश में एक चुनाव चिह्न पर इलेक्शन लड़ सकती है. इसके साथ ही चुनाव प्रचार के लिए नेशनल ब्रॉडकास्टर से फ्री एयर टाइम मिलता है. 


आरएलडी ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी


आरएलडी से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त को मंगलवार (11 अप्रैल) को लेटर लिखा. इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश के आगामी नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के चुनाव चिह्न हैंडपंप का आवंटन केवल उसके प्रत्याशियों को ही करने को कहा है. 


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