नई दिल्ली: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विवादों में घिरे महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा है कि मुम्बई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर आरोप तब लगाए जब उनका तबादला कर दिया गया. लेकिन इसके साथ ही पवार ने देशमुख के इस्तीफे के संकेत भी दिए हैं. पवार ने कहा कि गृहमंत्री का इस्तीफा लेने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है. अभी फैसला नहीं हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से बात करके कल तक यानी सोमवार तक फैसला हो जाएगा.


मुम्बई पुलिस के कमिश्नर रहे परमबीर सिंह पर आरोप लगाते हुए हुए पवार ने दावा किया कि 16 सालों के निलंबन के बाद सचिन वाजे को मुम्बई पुलिस में बहाल करने और उन्हें क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट जैसे संवेदनशील विभाग का प्रमुख बनाने का फैसला बतौर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने किया और इसमें मुख्यमंत्री या गृहमंत्री की कोई भूमिका नहीं थी. पवार ने कहा कि वाजे ने मनसुख हिरेन नामके कारोबारी की गाड़ी ली और उसमें विस्फोटक रख कर एंटीलिया के बाहर छोड़ा. हिरेन की मौत का आरोप उनकी पत्नी ने वाजे पर लगाया है. पवार ने कहा कि जब परमबीर से उन्होंने इस मामले पर पूछा तो उन्होंने गहराई से जांच की बात कही थी. लेकिन तबादले के बाद गृहमंत्री पर आरोप लगा दिए.


पवार ने कहा कि आरोप गृहमंत्री पर हैं और मुंबई पुलिस कमिश्नर पर भी हैं. ऐसे में परमबीर के आरोपों की जांच ऐसे व्यक्ति के द्वारा की चाहिए जिनकी प्रतिष्ठा हो. उन्होंने सुझाव दिया कि मुम्बई पुलिस के पूर्व कमिश्नर जुलियो रूबेरो मामले की जांच करें. उन्होंने महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को किसी तरह के खतरे से इनकार किया और कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं. हालांकि पवार ने यह भी कहा कि यह सब सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है.


बता दें कि देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुम्बई स्थित घर 'एंटीलिया' के बाहर विस्फोटक रखी गाड़ी खड़ी करने के आरोप में सचिन वाजे एनआईए की हिरासत में हैं. हिरासत में मौत के एक मामले में निलंबित चल रहे सब इंस्पेक्टर वाजे को पिछले साल पुनर्बहाल किया गया था. हालांकि एंटीलिया केस में नाम आने के बाद उन्हें फिर से निलंबित कर दिया गया है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने परमबीर सिंह को मुम्बई पुलिस कमिश्नर पद से होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया था.


तबादले के बाद परमबीर सिंह द्वारा गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाए गए कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से 100 करोड़ प्रति महीने वसूली के निर्देश दिए थे. इसे लेकर मुख्यमंत्री को लिखी परमबीर की चिट्ठी में उन्होंने दावा किया था कि इन सबकी जानकारी उन्होंने शरद पवार को भी दी थी. इसके बाद से महाराष्ट्र सरकार और शरद पवार पर बीजेपी का हमला जारी है.


इन सब के बीच रविवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमाम सवालों के जवाब दिए. 100 करोड़ वसूली के आरोपों को पवार ने हास्यास्पद बताया. हालांकि पवार ने माना कि परमबीर उनसे मिले थे. उन्होंने कहा, "तबादले से पहले परमबीर मुझसे मिले थे और एंटीलिया मामले से जुड़े मुद्दों को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि मेरे तबादले की कोशिश हो रही है, साथ ही काम मे राजनीतिक दबाव की बात भी कही."


प्रेस कॉन्फ्रेंस में पवार ने दादरा नगर हवेली के निर्दलीय सांसद द्वारा मुम्बई में आत्महत्या करने के मामले का भी जिक्र किया और इस मामले में तब के कमिश्नर परमबीर पर मुम्बई में मामला दर्ज ना करने को लेकर सवाल उठाए. नजरें अब सोमवार पर टिक गई हैं जब पवार के मुताबिक अनिल देशमुख को लेकर कोई फैसला हो सकता है. रविवार शाम उन्होंने शिव सेना नेता संजय राउत के अलावा एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार से मुलाकात की.


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