Sharad Pawar On Adani: कांग्रेस पार्टी की संसदीय विपक्षी एकता का गुब्बारा वहां पर फुस्स हो गया जब देश के सबसे वरिष्ठ राजनेता शरद पवार ने उनका साथ छोड़ दिया. अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग को लेकर कांग्रेस पूरे संसद सत्र के दौरान हमलावर रही, लेकिन एनडीटीवी को दिए गए इंटरव्यू में पवार ने कहा, ऐसा लगता है अडानी को टार्गेट किया जा रहा है.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, इस तरह के बयान पहले भी कई लोगों ने दिए थे जिसको लेकर संसद में हंगामा हुआ था लेकिन कोई विदेशी संस्था जब ऐसे बयान देती है तो यह देखा जाता है कि वह ऐसा क्यों कर रही है? उसके ऐसा करने के पीछे की वजह क्या है? और उस संस्था का बैकग्राउंड क्या है? उन्होंने कहा, जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं तो पूरे देश में हंगामा होता है और इसकी कीमत पूरे देश को और पूरी अर्थव्यवस्था को उठानी पड़ती है.
हिंडनबर्ग की मांग को लेकर क्या बोले पवार?
एनसीपी नेता पवार ने आगे कहा अगर किसी को ऐसा लगता है कि किसी एक व्यक्ति ने गलत किया है तो उसकी एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि देश के किसी पूंजीपति को सीधे टार्गेट किया जाए. हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस की मांग के सवाल पर शरद पवार ने कहा, वह कांग्रेस की इस मांग का समर्थन नहीं करते हैं और इस मामले पर उनके विचार अलग हैं.
पवार ने आगे कहा, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को एक कमेटी का गठन करना चाहिए जिसमें एक पूर्व न्यायाधीश, इस मामले में जानकारी रखने वाले एक विशेषज्ञ, एक प्रशासक और एक अर्थशास्त्री को शामिल किया जाए और फिर हमें उनकी जांच का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा, उनको उम्मीद है, वो तय समय में जांच रिपोर्ट जारी कर देंगे.
Death Threat: 'जुबान काट देंगे...', राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज को कांग्रेस नेता ने दी धमकी