NCP President Sharad Pawar: दिल्ली (Delhi) में चल रही कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में शरद पवार (Sharad Pawar) को एक बार फिर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है. यह प्रस्ताव समिति के सभी सदस्यों ने एकमत से लिया है. शरद पवार ही एनसीपी के संस्थापक सदस्य भी हैं. 


दिल्ली में आयोजित कार्य समिति की  बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि कार्य समिति की बैठक में उपस्थित पार्टी के सहकारी मित्रों से संवाद करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा कि साथियों पुरे विश्व में कोरोना की समस्या होने के कारण हम पिछले दो सालों से नहीं मिल पा रहे थे.




शरद पवार ने कहा कि उनको खुशी है की आज बड़े पैमाने पर वह सभी वर्किंग कमिटी की बैठक के लिए इकठ्ठा हो पाए. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में हम राष्ट्रीय अधिवेशन का हिस्सा नहीं बन पाये थे, आज हमें उस अधिवेशन का हिस्सा बनने का मौका मिल रहा है.


क्यों अहम है एनसीपी का अधिवेशन?
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि आज की मीटिंग और कल का अधिवेशन एक अलग तरीके से आयोजित किया जा रहा है. इस अधिवेशन की जिम्मेदारी पहली बार राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस और राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले हमारे सहयोगीयों ने अपने कंधे पर ली है.


हमने इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस और राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के हर राज्य के प्रतिनिधी को आमंत्रित किया है. मैं इस नौजवान पीढ़ी का यहां पर खुले दिल से स्वागत करता हूं.


'देश के सामने अभूतपूर्व स्थिति'
शरद पवार ने कहा कि हम देश के सामने एक अलग अभूतपूर्व स्थिति को देख रहे हैं. इस बारे में हमारा अहवाल सामने आने पर पूरी वस्तुस्थिति का आप को अंदाजा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कल के अधिवेशन में इस पर अधिक विस्तारित चर्चा होगी. जिन साथियों को चर्चा में हिस्सा लेना है उनको भी मौका दिया जाएगा.


किसानों के साथ अत्याचार करती है बीजेपी सरकार
शरद पवार ने कहा कि आज ऐसी कई समस्याएं हैं जो देश की आम जनता को हर दिन सहन करनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि किसान देश का बहुत बड़ा हिस्सा है, मगर किसानों की समस्याएं हल करने की जिम्मेदारी जिस सरकार के उपर है, उनका रवैया किसानों के साथ कैसा है, वह पूरे देश ने देखा है. 


शरद पवार ने आगे कहा कि स्वतंत्रता के बाद ऐसा कभी नहीं हुआ की देश के किसान राजधानी में आते हैं, दिल्ली की सीमा पर आकर बैठते हैं और एक साल आंदोलन करते हैं लेकिन उनकी समस्याओं को नहीं सुना जाता है. पवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी मांगों को नजर अंदाज कर दिया.


कृषि कानूनों को लेकर केंद्र को घेरा
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने संसद में तीन कृषि कानून 10 मिनट के भीतर पारित किये थे. उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर कोई भी बहस नहीं की गई. बाद में उन्होंने ये कानून रद्द कर दिए. पवार ने कहा कि किसानों के जीवन में और भी बहुत समस्याएं हैं. जब जब देश में फसल ज्यादा होती है तब उनको अंतरराष्ट्रीय बाजार में जाने का मौका मिलता है लेकिन सरकार ने उस पर भी पाबंदी लगा दी.


बेरोजगारी पर क्या बोले पवार?
शरद पवार ने कहा कि समाज का एक बड़ा हिस्सा आज नौजवानों का है. उन नौजवानों के सामने सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. इस बारे में क्या कदम उठाने चाहिए इस पर जगह-जगह चर्चा होती है. कई जगह नौजवानों ने संघर्ष किया.


उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है की 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री ने लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते हुए महिला सम्मान की बात की. एक तरफ देश के प्रधानमंत्री महिला सम्मान की बात करते हैं और दो दिन के बाद प्रधानमंत्री जिस राज्य से आते हैं वहीं पर बिलकिस के दोषियों को छोड़ दिया जाता है.


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