Maharashtra Politics: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार (27 जून) को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना की. राव ने आषाढ़ी एकादशी से दो दिन पहले मंदिर के दर्शन किये. लेकिन अब उनके इस दौरे पर विवाद हो गया है और इसी सिलसिले में एनसीपी नेता शरद पवार ने उनके इस दौरे को लेकर चिंता जता दी है. 


दरअसल महाराष्ट्र के पडोसी राज्य तेलंगाना के सीएम राव जब अपनी पत्नी के साथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे तो दावा किया जा रहा है कि कथित तौर पर उनके साथ कुल 600 गाड़ियों का काफिला था. उनके इस दौरे को महाराष्ट्र में शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया. अब उनके इतनी गाड़ियों के साथ आने को लेकर शरद पवार ने भी चिंता जता दी है. 


पहले मंदिर में दर्शन और फिर की रैली
के.चंद्रशेखर राव ने सोमवार को पहले मंदिर में दर्शन किए और फिर वहां से 20 किमी की दूरी पर सरकोली नामक गांव में एक सियासी रैली भी की. दरअसल केसीआर दक्षिणी महाराष्ट्र में अपनी राष्ट्रीय पार्टी बीआरएस का विस्तार करने का सोच रहे हैं और इस क्रम में दक्षिणी महाराष्ट्र में वह अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने के प्रयास में है. 


क्या बोले एनसीपी नेता शरद पवार?
बीआरएस चीफ केसीआर के इस दौरे पर जब मीडिया ने शरद पवार से उनकी प्रतिक्रिया मांगी तब उन्होंने कहा, जब पडोसी राज्य के सीएम राज्य के एक मंदिर में आए और वहां पूजा करें तो इसमें किसी को कोई भी समस्या होने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन जब वही सीएम 600 गाड़ियों के काफिले के साथ आएं तो यह चिंताजनक जरूर है. उन्होंने केसीआर को सुझाव देते हुए कहा कि एक राज्य के सीएम होने के नाते उनका पहला प्रयास दोनों राज्यों के बीच तालमेल बढ़ाने पर अधिक होना चाहिए. 


वहीं जब पवार से उनके एक कार्यकर्ता भागीरथ बाल्के जिसने मंगलवार को केसीआर की रैली में बीआरएस की सदस्यता ग्रहण की थी पर प्रतिक्रिया में पवार ने कहा, 2019 में भागीरथ को टिकट देना उनकी एक गलती थी, लेकिन अब वह इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं.