Sharad Pawar On Karnataka Election Results: कर्नाटक विधानसभा चुनाव रिजल्ट पर एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद कर्नाटक में बीजेपी (BJP) को हराना था. मैं पिछले आठ-दस दिनों से जनसभाओं में कह रहा हूं कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की हार होगी. भले ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कई जगहों पर बैठकें और रोड शो किए हैं, लेकिन हमें यकीन था कि वोटों के माध्यम से लोगों का गुस्सा व्यक्त किया जाएगा. 


पवार ने कहा कि ये कोई बात नहीं है कि कर्नाटक में एनसीपी एक ताकतवर पार्टी है. हमने प्रयास के तौर पर कुछ उम्मीदवारों को खड़ा किया. उनमें से हमने निपानी विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए ताकत झोंक दी थी. अभी तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पहले पांच राउंड तक हमारा प्रत्याशी नंबर वन था, लेकिन अब वह दूसरे नंबर पर है. अभी चार राउंड बाकी हैं, छह हजार का फासला है. सफलता की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन हमने ये फैसला एक राज्य में प्रवेश करने के लिए लिया. हमारा असली मकसद बीजेपी को हराना था. 


बीजेपी पर बोला हमला


उन्होंने कहा कि बीजेपी हाल के दिनों में विधायकों को तोड़कर उस राज्य में जाने की कोशिश कर रही है जहां उसका अस्तित्व नहीं है. इसके लिए उन्होंने शक्ति प्रयोग का फार्मूला इस्तेमाल किया है. कर्नाटक में भी उन्होंने यही किया. जैसा एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में किया, वैसा ही कर्नाटक में हुआ. मध्य प्रदेश में भी विधायकों को तोड़कर कमलनाथ की सरकार गिराई गई थी. बीजेपी ने गोवा में भी यही किया. ये चिंताजनक है कि मशीनरी और संसाधनों का उपयोग कर सरकार को उखाड़ फेंकने का एक नया तरीका शुरू हो गया है. बहरहाल, कर्नाटक के नतीजे ने दिखा दिया है कि लोगों को पेटियों की राजनीति पसंद नहीं है. 


"कर्नाटक की जनता और कांग्रेस पार्टी को बधाई"


एनसीपी चीफ ने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी से दोगुनी सीटें मिलने की संभावना है. कर्नाटक की जनता ने बीजेपी को पूरी तरह से हराने की भूमिका निभाई. इसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार, शक्ति, संसाधनों का दुरूपयोग और शासकों का ये विश्वास है कि वे जनता को तोड़कर शासन कर सकते हैं. देश में गलत माहौल फैलाने वालों को सबक सिखाने के लिए मैं कर्नाटक की जनता और कांग्रेस पार्टी को बधाई देता हूं. अब ये ऐसा ही देश में होगा. 


"भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक चुनाव में काम आई"


पवार ने कहा कि केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल जैसे ज्यादातर राज्यों में बीजेपी सत्ता से बाहर है. जब 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे तो हम कर्नाटक चुनाव से देश की तस्वीर का अंदाजा लगा सकते हैं. कहा जा सकता है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक चुनाव में काम आई. हमने नीतिगत निर्णय लिया था कि जहां महाराष्ट्र एकता समिति के उम्मीदवार होंगे वहां हम उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. हमने वहां प्रचार नहीं किया. महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने अब तक मराठी लोगों को विश्वास दिलाया था, लेकिन वहां समिति और अन्य पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई. नतीजतन उन्हें चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा. 


"महाराष्ट्र में भी लोग बदलाव चाहते हैं"


एनसीपी प्रमुख ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र में हमारी पार्टी की बैठक बुलाई. मैं खुद उद्धव ठाकरे से मिलूंगा और इस पर चर्चा करूंगा. मेरी राय है कि एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, हमें एक साथ बैठना चाहिए और अभी से आगे की योजना बनानी चाहिए. मैं इसके बारे में सभी से बात करूंगा. 'मोदी है तो मुमकिन है' के विचार को लोग पहले ही खारिज कर चुके हैं. महाराष्ट्र में भी लोग बदलाव चाहते हैं. हमारे अलग-अलग लड़ने का सवाल ही नहीं है. अब हमें लगता है कि तीनों पार्टियों को साथ आना चाहिए और छोटे दलों को भी भरोसे में लेना चाहिए, लेकिन मैं ये फैसला अकेले नहीं लूंगा, बल्कि बाकी साथियों से इस पर चर्चा करूंगा.


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