Sharad Pawar Resigns: शरद पवार ने मंगलवार (2 मई) को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की. उन्होंने यह ऐलान मराठी भाषा में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे सांगाती’ के संशोधित संस्करण के विमोचन के दौरान किया. इस किताब में शरद पवार ने कई ऐसे खुलास किए हैं जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही है. इसमें उन्होंने बताया कि एनसीपी साल 2019 में बीजेपी के साथ क्यों नहीं गई?
शरद पवार ने ‘लोक माझे सांगाती’ में लिखा, ''साल 2019 में शिवसेना बीजेपी की बातचीत चल रही थी, लेकिन शिवसेना को यकीन नहीं था कि उन्हें सत्ता में 50 फीसदी हिस्सा मिलेगा. संजय राउत मुझसे मिले और उनकी बातों से बीजेपी के साथ सत्ता के बंटवारे को लेकर यह अनिश्चितता बहुत स्पष्ट थी. बीजेपी को लेकर गुस्सा भी दिख रहा था. यह भी सोचा गया था कि शिवसेना को अलग रखकर सरकार बनाई जाए.''
पीएम मोदी का किया जिक्र
पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने बताया कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के कुछ नेताओं ने मेरी पार्टी के कुछ नेताओं से अनौपचारिक बातचीत की. मैं इसका हिस्सा नहीं था. एनसीपी ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई क्योंकि हमने बीजेपी के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया था.
पवार ने बुक में लिखा कि दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें इस पूरे मामले के बारे में बताया लेकिन एनसीपी में कुछ ऐसे नेता थे जो बीजेपी के साथ जाने के पक्षधर थे. मुझे बीजेपी पर इसलिए विश्वास नहीं था क्योंकि साल 2014 में बीजेपी ने एनसीपी को अपने करीब लाने के कुछ कोशिश की थी, लेकिन बाद में बीजेपी ने शिवसेना को सत्ता में हिस्सा दिया. इस कारण मेरी हमेशा से राय थी कि बीजेपी पर भरोसा नहीं करना चाहिए.
अजित पवार देवेंद्र फडणवीस के साथ क्यों गए?
शरद पवार ने 2019 में अपने भतीजे और अजित पवार के देवेंद्र फडणवीस के साथ जाने से काफी आश्चर्य हुआ. उन्होंने कहा, ''मेरे पास 23 नवंबर 2019 की सुबह करीब 6.30 बजे फोन आया कि अजित पवार और कई एनसीपी विधायक राज भवन में है. अजित फडणवीस के साथ शपथ ले रहे हैं.''
शरद पवार ने बताया कि मैंने जब ऐसा सोचा कि अजीत पवार ने ऐसा फैसला क्यों किया तो मुझे एहसास हुआ कि सरकार गठन को लेकर कांग्रेस के साथ चर्चा में काफी परेशानी हो रही थी.