Sharad Pawar Resigns: शरद पवार के बाद सुप्रिया सुले या अजित पवार...NCP की बैठक में आज क्या कुछ हुआ?
Sharad Pawar Resignation: शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के बाद पार्टी के कई नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक कार्यकर्ता ने पवार को खून से पत्र भी लिखा है.
Sharad Pawar Resigns: शरद पवार की ओर से एनसीपी (NCP) अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा के एक दिन बाद भी काफी हलचल रही. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार (3 मई) को बैठक की. एनसीपी नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने कहा कि शरद पवार की बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले (Supriya Sule) राष्ट्रीय भूमिका निभाने के लिए एक आदर्श विकल्प हैं. इस बीच पुणे के एक एनसीपी कार्यकर्ता ने खून से एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने शरद पवार से अपना फैसला वापस लेने की अपील की.
शरद पवार मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में मौजूद थे जहां एनसीपी नेताओं ने अनौपचारिक रूप से चर्चा की, लेकिन वह बैठक में शामिल नहीं हुए. चर्चा से पहले, छगन भुजबल ने कहा कि उनका विचार है कि सुप्रिया सुले राष्ट्रीय भूमिका के लिए आदर्श हैं क्योंकि उन्हें मुद्दों की अच्छी समझ है. एक सांसद के रूप में वह अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए नया अध्यक्ष तय करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. अजित पवार को राज्य (महाराष्ट्र) की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि काम का बंटवारा पहले से ही है.
शरद पवार को मनाने में जुटे वरिष्ठ नेता
भुजबल ने बुधवार को कहा कि एनसीपी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की पवार की घोषणा से सभी को झटका लगा है. हम उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए राजी करेंगे. एनसीपी नेताओं की बैठक के बाद भुजबल ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के बारे में फैसला करने के लिए शरद पवार की ओर से गठित समिति की कोई बैठक नहीं हुई थी. चूंकि हम मुंबई में थे, हम अनौपचारिक रूप से इस बात पर चर्चा करने के लिए मिले कि पवार साहब को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए कैसे राजी किया जाए. भुजबल ने कहा कि मैंने सुप्रिया सुले के संदर्भ में जो कहा, वह मेरा निजी विचार है.
"पवार साहब को और समय चाहिए"
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि आज वाईबी चौहान सेंटर में किसी भी प्रकार की बैठक नहीं थी. सुबह से तरह-तरह की खबर चल रही है. किसी भी प्रकार का कोई निर्णय नहीं हुआ है. उनके (शरद पवार) मन में क्या है ये नहीं पता. मैं आग्रह करता हूं कि अफवाह न फैलाएं, कयास ना लगाएं. पवार साहब को और समय चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रिया सुले का नाम भी अफवाह है. मीडिया में सुबह से जो खबरें चलाई जा रही है वह गलत हैं. उन खबरों में कोई तथ्य नहीं है. मैं अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हूं. अध्यक्ष पद में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है.
पवार ने मांगे हैं दो-तीन दिन
पवार ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में ये कहकर सबको चौंका दिया था कि वह एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से संन्यास नहीं ले रहे. उनकी इस घोषणा से पार्टी नेता और कार्यकर्ता हैरान थे. इस मौके पर कुछ कार्यकर्ता तो रो पड़े और पवार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने लगे. एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने मंगलवार को बाद में एलान किया था कि उनके काका (चाचा) शरद पवार को अपने फैसले पर और सोचने के लिए दो से तीन दिन लगेंगे.
कार्यकर्ता ने खून से लिखा खत
इस बीच, पुणे के एक एनसीपी कार्यकर्ता संदीप काले, जो एक ऑटो रिक्शा भी चलाते हैं, ने शरद पवार को लिखे पत्र में दावा किया कि वह उनके जैसे आम पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भगवान हैं और वे उनके बाद किसकी ओर देखेंगे. उन्होंने शरद पवार से उन्हें व कई अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं को अनाथ न बनाने की अपील की और उनसे अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि मैं पिछले 10 सालों से ऑटो रिक्शा चला रहा हूं और कई सालों से पार्टी का कार्यकर्ता हूं. साहेब का फैसला मुझे पसंद नहीं आया और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मैंने अपने खून से एक पत्र लिखा और उन्हें भेजा.
इस्तीफों का सिलसिला शुरू
एनसीपी के एक अन्य नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया कि शरद पवार राज्य में राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों के भीष्म पितामह थे. उनकी ऊर्जा हमें ताकत देती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है और ठाणे से पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. महाराष्ट्र को शरद पवार चाहिए. आव्हाड ने कहा कि शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया गया है. इस समय राज्य में एक सियासी तूफान चल रहा है और ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए शरद पवार के समर्थन की जरूरत है.
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