नई दिल्ली: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में इसे लेकर काफी हिंसा भी हो रही है. अब इसे लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि ये कानून किसी एक धर्म को टार्गेट करने की कोशिश है.


शरद पवार ने कहा, ''एनआरसी और सीएए के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, ये देश को अन्य गंभीर मुद्दों से भटकाने की कोशिश है.'' उन्होंने कहा कि ''ये किसी एक धर्म को टार्गेट करने की कोशिश है. नेपाल और श्रीलंका से आने वाले लोगों के लिए कुछ नहीं कहा गया, लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान से आने वाले लोगों को टार्गेट किया गया है.'' पवार ने कहा कि ''यह विरोध सिर्फ अल्पसंख्यकों का नहीं, समाज के सभी वर्ग और सेलिब्रिटी इसका विरोध कर रहे हैं.''


एनसीपी प्रमुख ने कहा कि ''देश में सभी जगह एनआरसी और सीएए के संबंध में अलग चित्र हैं इसलिए लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. संसद में जब यह विधेयक आया तभी हमने विरोध किया और इसके विरोध में मतदान किया.'' उन्होंने कहा कि ''देश में इस समय जो गंभीर समस्या है उस पर से ध्यान हटाने के लिए यह किया गया है.''


पवार ने कहा, ''गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठ शब्द का इस्तेमाल कर तीन देशों का नाम लिया. इससे एक विशेष धर्म पर लक्ष्य केंद्रित हुआ. जिसका परिणाम आज समाज के गरीब तपके पर हो रहा है.'' उन्होंने कहा, ''असम में हमारे सहयोगियों ने बताया कि वहां सब नाश हो रहा है. श्रीलंका से भारत आने वाले लोगों के बारे में कोई निर्णय क्यों नही लिया गया.'' शरद पवार ने आरोप लगाया कि ''केंद्र सरकार राज्य-केंद्र में फूट डालने का काम कर रही है. देश की सामाजिक एकता तोड़ने का काम किया जा रहा है. एनआरसी को लेकर देश में जो स्थित है वो बेहद गंभीर है.''


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