Sharad Pawar On Adani Issue: अडानी-हिंडनबर्ग के मुद्दे पर जेपीसी जांच की आवश्यकता नहीं कहने वाले एनसीपी प्रमुख शरद पवार के सुर नरम पड़ गए हैं. एबीपी नेटवर्क के मराठी चैनल एबीपी माझा को दिए इंटरव्यू में पवार ने मंगलवार (11 अप्रैल) को कहा कि अगर हमारे गठबंधन के साथियों को जेपीसी आवश्यक लग रही है तो हम उसका विरोध नहीं करेंगे.
शरद पवार ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जरूरत नहीं है. उन्होंने इसके बजाय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति का समर्थन किया.
पवार ने एबीपी माझा से कहा, ''हमारे गठबंधन के सहयोगियों का मत मुझसे अलग है. हमें एकजुट होकर काम करना है. मैंने अपना मत सार्वजनिक तौर पर रखा अगर मेरे सहयोगियों को लगता है कि जेपीसी की जांच होनी चाहिए तो हम इसका विरोध नहीं करेंगे.''
पवार के इस बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी. पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि ये पवार के निजी बयान हो सकते हैं. पार्टी जेपीसी जांच की मांग करती है. अडानी समूह सभी आरोपों को निराधार बताती रही है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि उनके साथ जेपीसी को लेकर 19 विपक्षी दल है.
शरद पवार ने क्या कहा था?
पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने कहा था कि अडानी ग्रुप के मामले में जेपीसी जांच की कोई महत्ता नहीं रह जाएगी क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई हुई है. जेपीसी में सरकार के ही ज्यादा लोग होते हैं. उन्होंने उम्मीद जताते हुए आगे कहा था कि कोर्ट की कमेटी से पूरे मामले में सच सामने आएगा.
कांग्रेस की अडानी-हिंडनबर्ग के मुद्दे पर जेपीसी की मांग को लेकर क्या उद्देश्य है? सवाल पर पवार ने कहा था कि मुझे नहीं पता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई कमेटी काफी महत्वपूर्ण है. मैं यह ही जानता हूं. इसका कारण मुझे लगता है कि जेपीसी बनने के बाद इसकी हर रोज की बात मीडिया में रिपोर्ट होगी. शायद कोई चाहता होगा कि यह मामला दो-चार महीने तक खिंचता रहे, लेकिन ऐसे में सच कभी सामने नहीं आएगा.
मामला क्या है?
अमेरिकी संस्था हिंडेनबर्ग रिसर्च की कुछ सप्ताह पहले आई रिपोर्ट में अडानी समूह पर अनियमितता के आरोप लगाए गए थे और इसके बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर लगातार हमले कर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि अडानी ग्रुप को फायदा बीजेपी और केंद्र सरकार के कारण मिला है.
बता दें कि जेपीसी जांच को लेकर संसद के पूरे बजट सत्र में हंगामा रहा. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस मुद्दों को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला कर रही थी. दूसरी ओर बीजेपी राहुल गांधी से उनके लंदन में लोकतंत्र को लेकर दिए गए बयान पर माफी की मांग कर रही थी.
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