महाराष्ट्र: सत्ताधारी पार्टियों और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच खींचतान थम नहीं रही. इस लड़ाई में एक नया मोड़ तब आया जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भगत सिंह कोश्यारी की कॉफी-टेबल-बुक पर चुटकी ली. कोश्यारी ने अपनी एक किताब पवार के पास तोहफे के तौर पर भिजवाई थी. उसके जवाब में शरद पवार ने कोश्यारी को एक खत लिखा जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
महाराष्ट्र में अपने कार्यकाल के 1 साल पूरे होने पर कोश्यारी ने खुद पर तस्वीरों की एक कॉफी टेबल बुक छपवाई है जिसका नाम है "जन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी" है. इस किताब की एक प्रति उन्होंने शरद पवार के पास भिजवाई. किताब के लिए धन्यवाद देते हुए पवार ने कोशियारी को एक खत लिखा. उस खत में पवार ने कोश्यारी पर तंज कसते हुए कहा कि संविधान में जन राज्यपाल जैसी कोई उपमा नहीं है. पवार ने कहा कि इसके बावजूद मैं किताब के लिए आपका शुक्रगुजार हूं.
कोश्यारी का उद्धव ठाकरे से सवाल क्या आप सेक्यूलर हो गए हैं?
पवार ने खत में आगे भी अपना व्यंग जारी रखा. उन्होंने लिखा कि इस किताब में मैंने आपकी शपथ विधि समारोह, स्वागत समारोह दीक्षांत समारोह और नामचीन लोगों से मिलने जुलने की तस्वीरें देखीं जो कि आपकी बीते साल भर के कार्यकाल की उपलब्धि रही. उन्होंने कोशियारी पर चुटकी लेते हुए कहा- "ऐसा नहीं लगता कि केंद्रीय गृह मंत्री के सुझाव आपने कोई नोटिस लिया है जो उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आप की ओर से धर्मनिरपेक्षता पर लिखे गए खत पर दिया था".
दरअसल शरद पवार उस विवाद का जिक्र कर रहे थे जो हाल ही में मंदिरों को खोलने को लेकर भगत सिंह कोश्यारी और उद्धव ठाकरे के बीच हुआ था. कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे को खत लिखते हुए यह पूछा था कि क्या आप सेक्यूलर हो गए हैं. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था कि कोश्यारी को ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था.
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