शरद पवार बोले- मैं 27 तारीख को खुद जाऊंगा ईडी दफ्तर, दिल्ली की हुकूमत के सामने झुकूंगा नहीं
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में घोटाले के आरोप में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार समेत 70 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केस दर्ज कर लिया है. अब शरद पवार ने कहा है कि वो 27 सितंबर को दो बजे खुद ईडी दफ्तर जाएंगे.
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव से पहले चुनावी महीने में महाराष्ट्र की राजनीति और गरमा गई है. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाला मामले में नाम आने के बाद आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वो 27 तारीख को दोपहर 2 बजे ईडी दफ्तर जाएंगे. 25 हजार करोड घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशाल ने शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार समेत 70 लोगों पर केस दर्ज किया है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अब शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार से पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है.
इस बारे में आज अपना पक्ष रखते हुए शरद पवार ने कहा, ''यह मेरे राजनैतिक जीवन की दूसरी एफआईआर है, इससे पहले 1986 में किसानों के मुद्दे को लेकर मुझ पर केस हुआ था. अभी एक महीना मैं चुनाव में व्यस्त रहूंगा, मेरा अधिकतर समय मुम्बई के बाहर रहने में जाएगा. चुनाव प्रचार के दौरान अगर ऐसा हुआ कि मैं कहीं व्यस्त रहा और जवाब नहीं दे सका तो ईडी को यह गलतफहमी ना हो कि मैं पूछताछ के लिए नहीं आ रहा. इसलिए मैं खुद 27 तारीख को दोपहर 2 बजे प्रवर्तन निदेशालय के मुंबई दफ्तर जाउंगा.'' उन्होंने कहा कि मैं संविधान पर भरोसा रखने वाला व्यक्ति हूं, इसलिए ईडी के साथ जांच में पूरा सहयोग करूंगा.
शरद पवार ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ''दिल्ली की हुकूमत अगर पावर का इस्तेमाल करती है तो करने दो. दिल्ली की हुकूमत के सामने झुकने की शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र के संस्कार नहीं हैं. चुनाव सिर पर है, ऐसे में ED के एफआईआर दर्ज करने का मतलब है यह समझा जा सकता है.''
शरद पवार के खुद ईडी दफ्तर जाने के फैसले के पीछे दो मायने निकाले जा रहा हैं. पहला, शरद पवार खुद यह संदेश देना चाहते है कि इस केस से उन पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ रहा और वो केंद्र सरकार के दबाव में आने वाले नहीं है. वहीं दूसरा, चुनावी महीने में शरद पवार के ईडी दफ्तर जाने के दौरान एनसीपी पूरे राज्य में शक्ति प्रदर्शन करेगी. 27 तारीख को जब शरद पवार ईडी दफ्तर जाएंगे उस दिन मुंबई , बारामती और जगह जगह एनसीपी कार्यकर्ता अपने पार्टी प्रमुख को समर्थन देने के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं.