मुंबईः सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या भूमि विवाद मामले में फैसला अगले महीने आने की संभावना को देखते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि ‘कुछ ताकतें’ देश में स्थिति का लाभ उठाते हुए समुदायों के बीच दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं. उन्होंने समाज के सभी वर्गों में शांति कायम रखने की बात कही. पवार ने यह टिप्पणी एनसीपी विधायकों की बैठक में की. इन विधायकों ने अजीत पवार को विधायक दल का नेता चुना है.


दशकों पुराने भूमि विवाद का हवाला देते हुए पवार ने कहा कि राम जन्मभूमि देश के बड़े तबके के लोगों के लिए आस्था का विषय है. वहीं, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर देश के अल्पसंख्यकों में अलग तरह की भावना है.


पवार ने कहा, ‘‘मैं अल्पसंख्यकों में यह भावना देखता हूं कि कोर्ट जो भी फैसला देगी, वे स्वीकार करेंगे. समाज में शांति बनी रहे, इसके लिए कदम उठाने की जरूरत है.’’


उन्होंने कहा कि इस मौके का फायदा कुछ ताकतें उठा सकती हैं और समुदायों में दरार डालने की कोशिश कर सकती हैं. हालांकि, एनसीपी नेता ने ‘ताकत’ का नाम नहीं लिया.


अयोध्या भूमि विवाद मामले में शीर्ष अदालत ने 16 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अगुवाई में हुई है. बेंच में पांच जज शामिल हैं.


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