नरेंद्र मोदी की इस बात पर शरद पवार हैरान! चुनावों का जिक्र कर कह दिया- जो PM कहते, उसमें...
Sharad Pawar on PM Modi: शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि पूरे देश का चुनाव एक साथ होना चाहिए लेकिन दो राज्यों में ही चुनाव घोषित किए गए.
Sharad Pawar on PM Modi: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के चीफ शरद पवार ने शनिवार (17 अगस्त) को पीएम मोदी पर तंज कसा है. शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि पूरे देश का चुनाव एक साथ होना चाहिए लेकिन जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में ही चुनाव घोषित किए गए. जबकि, झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव घोषित नहीं हुए.
शरद पवार ने कहा कि सरकार 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं करा सकती है और पूरे देश में एक साथ सभी विधानसभाओं के लिए चुनाव कराने की बात करती है. एनसीपी चीफ शरद पवार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर नरेंद्र मोदी को चुनौती दी. पवार ने कहा कि देश में इस वक्त शांति की जरूरत है.
उन्होंने आगे कहा कि लाल किले पर प्रधानमंत्री ने यह बात रखी कि पूरे देश के चुनाव एक साथ होने चाहिए. प्रधानमंत्री को ये बात कहे अभी 12 घंटे भी नहीं हुए थे कि चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा के चुनाव की घोषणा कर दी. मगर, झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव का ऐलान तक नहीं हुआ.
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर शरद पवार ने ली चुटकी
दरअसल, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के चीफ शरद पवार ने इस बात को लेकर हैरानी जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक देश एक चुनाव’ पर जोर दिये जाने के बावजूद राज्यों के आगामी चुनाव एक साथ क्यों नहीं कराए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री सभी राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की पॉलिसी बना रहे हैं तो महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा न होना एक तरह का विरोधाभास है.
PM मोदी की बातों में नहीं है कोई सच्चाई- शरद पवार
शरद पवार ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि दो राज्यों (जम्मू-कश्मीर और हरियाणा) में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है. इसलिए, प्रधानमंत्री मोदी की बातों में कोई सच्चाई नहीं है.
महा विकास आघाडी ने चुनाव आयोग की आलोचना की
विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) ने पहले चुनाव कार्यक्रम को लेकर निर्वाचन आयोग की आलोचना की थी. उनका कहना था कि ऐसा लगता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति अपने झूठे वादों के साथ महाराष्ट्र के लोगों को ‘‘मूर्ख’’ बनाने के लिए और समय चाहती है.
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