मुंबईः शरद पवार अब भी जवान हैं और 2024 में प्रधानमंत्री बन सकते हैं. जिस तरह महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार है उसी तरह से अगर लोकसभा में सभी साथ आकर चुनाव लड़ते हैं तो मराठी मनुष्य प्रधानमंत्री बनकर रहेगा. हमारा देखा सपना पूरा हो सकता है ऐसा विश्वास है. ये कहना है रोहित पवार का. रोहित, शरद पवार के पोते हैं और महाराष्ट्र के कर्जत-जामखेड़ से पहली बार एनसीपी के टिकट पर विधायक चुने गये हैं. औरंगाबाद में एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए रोहित पावर ने ये बात कही.


रोहित पवार के बयान ने फिर एक बार उस चर्चा को गर्म कर दिया है कि शरद पवार 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये गैर भाजपाई दलों का एक मोर्चा खड़ा करने की तैयारी कर रहे हैं. माना जा रहा है कि जिस तरह से महाराष्ट्र में सरकार बनवाने के लिये शरद पवार शिवसेना और कांग्रेस जैसी विपरीत विचारधाराओं वाली पार्टियों को एक साथ ले आये, उसी तरह से वो केंद्र की सत्ता हासिल करने के लिये भी देशभर की पार्टियों को एकजुट करने की तैयारी कर रहे हैं. महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को भविष्य की केंद्र सरकार के एक लघुरूप के तौर पर देखा जा रहा है.


इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि शरद पवार 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री पद के सबसे करीब पहुंच गये थे. उस वक्त उन्हें पीएम बनने का मौका मिल सकता था लेकिन गांधी परिवार के करीबियों ने भूतकाल में उनकी राजीव गांधी के साथ हुई अनबन का हवाला देकर पी.वी.नरसिंहा राव का नाम आगे कर दिया. ये कहा गया कि राव की तुलना में पवार की उम्र काफी कम है और उन्हें भविष्य में पीएम बनने का मौका मिल सकता है. नरसिंहा राव पीएम बन गये और पवार के पीएम बनने का मौका आज तक नहीं आया, हालांकि कांग्रेस से अलग होकर वे यूपीए सरकार में दो बार केंद्रीय कृषि मंत्री रह चुके हैं.


80 साल के शरद पवार महाराष्ट्र में महाविकास गठबंधन की सरकार बनवा कर ये साबित कर चुके हैं कि वे अब भी सियासी तौर पर सक्रिय हैं और उनकी महत्वकांक्षाएं बरकरार हैं. विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी एनसीपी 54 सीट जीतकर तीसरे नंबर पर थी, लेकिन ये पवार का ही दिमाग था कि एनसीपी आज महाराष्ट्र की सत्ता में है और उनके भतीजे अजीत पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं. चुनाव से पहले जिस तरह पार्टी के दिग्गज नेता दलबदल करके बीजेपी में शामिल हो रहे थे उसे देखकर माना जा रहा था कि एनसीपी के लिये अपना अस्तित्व बचा पाना मुश्किल हो जायेगा.