(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
महाराष्ट्र में फिर सियासी हलचल! सामने आया शरद पवार का पुराना लेटर, जानें छगन भुजबल से इसका कनेक्शन
Maharashtra News: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने 2018 में कथित तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने छगन भुजबल के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का आग्रह किया था.
Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के बागी नेता छगन भुजबल ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वह आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद थे तो पवार उनके साथ खड़े नहीं हुए थे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच एक पत्र सामने आया है, जिसमें एनसीपी चीफ ने तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भुजबल के स्वास्थ्य पर ध्यान देने का आग्रह किया था.
कथित तौर पर 8 मार्च 2018 को लिखे इस पत्र में पवार ने कहा कि उन्हें भुजबल के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में परेशान करने वाली खबरें मिल रही हैं. उन्होंने लिखा था कि 70 वर्षीय भुजबल दो साल से सलाखों के पीछे बंद हैं और मामले पर अदालत का फैसला आने तक भुजबल को निर्दोष माना जाना चाहिए.
शरद पवार का इलाज के लिए कदम उठाने का आग्रह
पवार ने कहा कि भुजबल एक सम्मानित ओबीसी जननेता थे. इस दौरान उन्होंने फडणवीस से भुजबल की स्वास्थ्य स्थिति और बढ़ती उम्र को देखते हुए उन्हें उचित इलाज देने के लिए त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया. एनसीपी चीफ ने कहा, ''अगर आने वाले दिनों में भुजबल को कोई अप्रिय स्थिति झेलनी पड़ी तो इसके लिए आपकी सरकार जिम्मेदार होगी.''
गौरतलब है कि जब एनसीपी नेता अजीत पवार ने शरद पवार के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाया था तो भुजबल पाला बदलने वाले 40 विधायकों में से एक थे.
पुणे में एक रैली करेंगे शरद पवार
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार 24 अक्टूबर को पुणे में एक रैली करेंगे, जो पार्टी विभाजन के बाद शहर में उनकी पहली रैली होगी. इस रैली को सितंबर में डिप्टी सीएम अजित पवार के रोड शो के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. उसी दिन शरद पवार के पोते और विधायक रोहित पवार भी पुणे से यात्रा शुरू करेंगे.
शरद पवार पहले ही अजित पवार खेमे पर निशाना साधते हुए अन्य शहरों में रैलियां कर चुके हैं और उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली है. इस बीच शरद पवार ने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार कभी भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. उनकी यह टिप्पणी अजित पवार के पार्टी से अलग होने और बीजेपी-शिवसेना सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने के बाद आई है.
चुनाव चिन्ह को लेकर कानूनी लड़ाई जारी
दोनों गुट फिलहाल पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. वहीं, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने हाल ही में पार्टी प्रमुख के रूप में अपने पिता के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने यह कुछ एनसीपी नेताओं के बीजेपी के साथ गठबंधन करने के दबाव में किया था.
शरद पवार गुट ने महाराष्ट्र के स्वाभिमान को नई दिल्ली के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की आलोचना की. गरीबों और वंचितों के लिए काम करने के अजीत पवार के दावों के जवाब में, शरद पवार गुट ने उन पर महात्मा फुले, शाहू महाराज और डॉ बाबासाहेब अंबेडकर की शिक्षाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
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