मथुरा: आज शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें श्री बांके बिहारी के चरणों की वंदना करेंगी. इसके लिए ठाकुर जी भी जगमोहन में विराजमान हो बांसुरी वादन करेंगे. इस अदभुत नजारे को देखने के लिए हजारों भक्तों की वृंदावन में मौजूदगी रहेगी.


शरद पूर्णिमा को श्री बांके बिहारी मंदिर में विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है. परंपरागत रूप से होने वाले शरदोत्सव की तैयारियां इस बार भी शुरू हो गई हैं. इस बार श्री बांके बिहारी मंदिर में शरदोत्सव आज 30 अक्तूबर को मनाया जाएगा. साल का यह एकमात्र आयोजन है जब ठाकुर जी जगमोहन में बांसुरी धारण करते हैं.


रात 10.30 बजे शयन आरती की जाएगी


मंदिर के सेवायत आशीष गोस्वामी बताते हैं कि इस रात की धवल चांदनी ठाकुर जी की चरण वंदना करती हैं. इसके लिए मंदिर की छत को खोल दिया जाता है. दिन और रात की आरती का समय भी एक-एक घंटा अतिरिक्त रहेगा. राजभोग आरती दोपहर एक बजे होगी तो रात में 10.30 बजे शयन आरती की जाएगी. मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में भगवान श्रीकृष्ण ने महारास किया था.


अन्य देवी-देवता भी श्रीकृष्ण के इस महारास के दर्शनों के लिए यहां आते हैं. शरद पूर्णिमा पर ठाकुर बांकेबिहारी मोर-मुकुट, बासुरी धारण कर रत्न जड़ित सोने-चांदी के भव्य सिंहासन पर विराजमान होते हैं.


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