(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
शारदा चिट-फंड घोटालाः टीएमसी नेता कुणाल घोष से ईडी करेगी पूछताछ
कुणाल घोष सारदा घोटाले मामले में गिरफ्तार भी हो चुके हैं और इसके पहले साल 2014 में उन्होंने टीएमसी की सर्वे-सर्वा ममता बनर्जी के खिलाफ भी बयान जारी किए थे. इस कारण उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसके 5 साल बाद उनकी फिर ममता बनर्जी से बैठक हुई थी और कुणाल घोष को टीएमसी में पद दे दिया गया था.
नई दिल्लीः शारदा घोटाले मामले में टीएमसी के नेताओं के खिलाफ ईडी टीएमसी के नेता से ही दस्तावेजी सबूत लेने की कोशिश करेगी इसी संदर्भ में टीएमसी नेता कुणाल घोष से ईडी मंगलवार को पूछताछ करेगी. इस घोटाले मामले में कुणाल घोष अपनी ही पार्टी के कई नेताओं पर आरोप लगा चुके हैं. कुणाल घोष ने ईडी के संबंध के जवाब में कहा कि वह निश्चित समय पर पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय पहुंचेंगे. पश्चिम बंगाल में चुनाव की घोषणा के साथ ही वहां राजनीति के साथ-साथ जांच एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों से भी माहौल गरमाने लगा है .
प्रवर्तन निदेशालय ने बहुचर्चित शारदा घोटाले मामले में टीएमसी से पूर्व सांसद रहे टीएमसी नेता कुणाल घोष को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है. कुणाल घोष से पूछताछ जहां जांच एजेंसियों के लिए एक अहम कड़ी साबित हो सकती है वही टीएमसी नेताओं के लिए गले का फंदा भी बन सकती है.
ईडी सूत्रों के मुताबिक कुणाल घोष ने एक बार खुद ही कहा था कि उनके पास शारदा घोटाले मामले में अनेक राजनेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि उनके इस घोटाले से संबंध रहे हैं. इसके पहले सीबीआई ने भी ममता के करीबी आईपीएस राजीव कुमार और कुणाल घोष की आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की कोशिश की थी. कुणाल घोष के बयानों से एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीति में भूचाल आ सकता है.
अब जांच एजेंसियां कुणाल घोष से जानना चाहती हैं कि वह शारदा घोटाले में जिन राजनेताओं और अधिकारियों के सबूत की बाबत बात कर रहे थे उनके पास ऐसे वे कौन से दस्तावेजी सबूत है. ईडी ने उन तमाम दस्तावेजों के साथ कुणाल घोष को पूछताछ के लिए बुलाया है. संभावना है कि कुणाल घोष 11:00 बजे कोलकाता स्थित कार्यालय में पूछताछ के लिए पहुंचेंगे.
शारदा घोटाले को लेकर सीबीआई और ईडी अब तक अनेकों आरोप पत्र कोर्ट के सामने दायर कर चुके हैं. इस मामले में आरोप था कि आम जनता को उसका पैसा यह कह कर लिया गया कि उन्हें ज्यादा ब्याज दिया जाएगा जबकि वास्तव में आम जनता को उसका वास्तविक पैसा भी नहीं मिला.
आरोप है कि आम जनता से लिए गए हजारों करोड़ों रुपयों को इधर उधर की कंपनी में लगा दिया गया और इस मामले में कोई कार्यवाही ना हो सके इसके लिए अनेक राजनेताओं और नौकरशाहों को भी बतौर रिश्वत पैसा दिया गया.
इस मामले में ममता सरकार के ही एक मंत्री रह चुके तथा इसके पहले सीबीआई में वरिष्ठ अधिकारी रह चुके विश्वास ने अपनी पुस्तक में शारदा घोटाले को लेकर अनेक आरोप लगाए थे. यूएन विश्वास सीबीआई के संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और बाद में हुए ममता सरकार में मंत्री भी थे. फिलहाल विश्वास राजनीति से सन्यास ले चुके हैं. इस मामले में सीबीआईऔर ईडी अभी भी जांच कर रहे हैं.
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