(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
‘उड़ा देंगे अदालत को’... मालेगांव ब्लास्ट केस में हो रही सुनवाई, अचानक आया धमकी भरा कॉल
Malegaon Bomb Blast Case: मामले की सुनवाई कर रही एनआईए की स्पेशल कोर्ट को धमकी मिलने के बाद कोर्ट के जजों से सुरक्षा की मांग की गई.
Malegaon Bomb Blast Case: 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले को लेकर अंतिम चरण की सुनवाई कर रही एनआईए स्पेशल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके बाद जजों ने अपने आवासों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मुंबई पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिखी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 30 अक्टूबर, 2024 को मुंबई सेशन कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में एनआईए की स्पेशल कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा कॉल आया था, जिसके बाद कोलाबा पुलिस स्टेशन और बीडीडीएस की एक टीम कोर्ट परिसर में पहुंची और जांच की. सूत्रों ने बताया कि मुंबई सत्र न्यायालय की कोर्ट नंबर 26 के खिलाफ धमकियां दी गई थीं.
आतंकवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हैं जज
धमकी मिलने के बाद एनआईए कोर्ट के सभी जजों ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को एक जॉइंट लेटर लिखकर अपने घरों के पास सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. जजों की ओर से पत्र में लिखा है कि वे हर दिन आतंकवाद से जुड़े संवेदनशील मामलों की सुनवाई करते हैं, इसलिए उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुंबई पुलिस को उनके घरों की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए.
क्या है मालेगांव बम विस्फोट का मामला
मालेगांव बम ब्लास्ट का मामला 29 सितंबर 2008 का है, जब एक बाइक पर बंधे विस्फोटक में धमाका हुआ था. इस घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी तो वहीं 100 से भी ज्यादा लोग बुरी तरीके से घायल हो गए थे. पहले मामले की शुरुआती जांच एटीएस महाराष्ट्र ने की थी, लेकिन साल 2011 में इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया था. इस ब्लास्ट को लेकर भाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर ने अपने वकील की ओर से दलील दी थी कि इस ब्लास्ट में प्रतिबंधित संगठन सिमी का हाथ हो सकता है.