नई दिल्ली: कोरोना वायरस और कच्चे तेल में गिरावट की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गिरावट का असर भारत के शेयर बाजार पर हुआ है. सेंसेक्स भारी गिरावट के साथ खुला है. सेंसेक्स जहां 1500 अंकों से ज्यादा गिरा, वहीं निफ्टी में भी तीन सौ अंकों से ज्यादा की गिरावट देखी गई है. लेकिन भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के बीच एक अच्छी खबर यस बैंक के शेयर धारकों के लिए है. यस बैंक के शेयर में भारी उछाल देखा गया है. बाजार खुलने के साथ यस बैंक के शेयर में करीब 19 फीसद का उछाल दिखा.


यस बैंक पर रिजर्व बैंक के रोक लगाने और निदेशक मंडल को भंग करने के बाद शुक्रवार को यस बैंक का शेयर 25 प्रतिशत गिरकर खुला था और सुबह के कारोबार में यह 74 फीसदी तक नीचे चला गया था.


यस बैंक पर आरबीआई का फैसला क्या है?


2019 में 3 लाख 80 हजार 826 करोड़ रुपए की पूंजी वाले यस बैंक पर 2 लाख 41 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज है. बैंक का एनपीए बढ़ा तो RBI ने कमान अपने हाथ में ली. बैंक के निदेशक मंडल को 30 दिन के लिए भंग किया है. बैंक की देखरेख के लिए प्रशासक नियुक्त किया गया. SBI के पूर्व डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ फाइनेनशियल ऑफिसर प्रशांत कुमार यस बैंक के नए प्रशासक हैं.


खाता धारकों की बैंक से पैसा निकालने की सीमा 50 हजार रुपए महीना तय कर दी गई है. विशेष परिस्थितियों में 5 लाख रुपए तक खाते से निकाले जा सकते हैं. विशेष परिस्थिति का मतलब, पढ़ाई, इलाज और शादी है.


आरबीआई को क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम?


आरबीआई ने कदम इसलिए उठाया है ताकि बैंक की वित्तीय हालत को सुधारा जा सके. खाता धारकों के पैसों को डूबने से बचाया जा सके. RBI को ग्राहकों और बैंक की मदद के इसलिए आना पड़ा क्योंकि 2004 में शुरू हुए यस बैंक की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी.


बैंक कब से गड़बड़ी कर रहा था?


बैंक पर कर्ज का बोझ बढ़ा रहा था और बैंक के शेयर लगातार गिर रहे थे. ग्राहकों को अपने पैसों की चिंता हो रही थी. 2018 से RBI को लग रहा था कि बैंक ने अपने NPA और बैलेंसशीट में गड़बड़ी की है. इसके बाद RBI के दबाव में यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद छोड़ना पड़ा.


पिछले हफ्ते था बाजार का ये हाल


बता दें कि पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के कहर के चलते वैश्विक बाजार में छाई सुस्ती और यस बैंक की वजह से पैदा हुए संकट के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट रही थी. भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे सप्ताह कमजोर कारोबारी रुझानों के कारण प्रमुख संवेदी सूचकांक लुढ़के थे.


बीते हफ्ते आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 37,576.62 पर बंद हुआ, जोकि सेंसेक्स का सात अक्टूबर, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी 10,989.45 पर ठहरा. बता दें कि बीते सत्र में निफ्टी 19 सितंबर, 2019 के बाद के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ.


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