नई दिल्ली: स्टॉक मार्केट आज भारी गिरावट के साथ खुला है और शुरुआती कारोबार में भी ऐतिहासिक गिरावट देखी जा रही है. सेसेंक्स में 21 सौ से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है, निफ्टी में भी 550 अंकों से ज्यादा की गिरावट है. बड़ी वजह कोरोना बताया जा रहा है क्योंकि आज चीन और जापान के शेयर बाज़ारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गयी है. यह पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है.


शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई. हफ्ते के पहले कारोबारी दिन की शुरुआत में ही बीएसई में 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स सूचकांक 1515.01 अंक या 4.03 प्रतिशत गिरकर 36,061.61 पर आ गया. निफ्टी में भी 417.05 अंकों या 3.80 प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 10,572.40 के स्तर पर आ गया. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट दर्ज की गई.


इक्विटी बाजार में इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4,79,820.87 करोड़ रुपये डूब गए और बीएसई पर कुल बाजार पूंजीकरण 1,39,39,640.96 करोड़ रुपये रह गया. बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को कारोबार के अंत में 1,44,31,224.41 करोड़ रुपये था.


कारोबारियों का अनुमान है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आशंका गहराने के चलते शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख है. सेंसेक्स के सभी शेयर घाटे में चल रहे हैं. ओएनजीसी, रिलायंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक और इंफोसिस गिरने वाले प्रमुख शेयर रहे.


कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल को देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा. उन्होंने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं.


पिछले हफ्ते था बाजार का ये हाल


बता दें कि पिछले हफ्ते कोरोना वायरस के कहर के चलते वैश्विक बाजार में छाई सुस्ती और यस बैंक की वजह से पैदा हुए संकट के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट रही थी. भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे सप्ताह कमजोर कारोबारी रुझानों के कारण प्रमुख संवेदी सूचकांक लुढ़के थे.


बीते हफ्ते आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 37,576.62 पर बंद हुआ, जोकि सेंसेक्स का सात अक्टूबर, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी 10,989.45 पर ठहरा. बता दें कि बीते सत्र में निफ्टी 19 सितंबर, 2019 के बाद के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ.


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